कीव (तास एजेंसी)। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूस के बातचीत के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। पूरी दुनिया के लिए ये एक बड़ी राहत की बात है। तास एजेंसी के मुताबिक केवल इस वार्ता के लिए जगह और वक्त पर मंथन चल रहा है। आपको बता दें कि रूस की तरफ से इससे पहले कहा गया था कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदोमीर जेलेंस्की की तरफ से शांति वार्ता शुरू करने को लेकर फोन किया गया था। लेकिन दोनों के बीच वार्ता की पहल इस वजह से नहीं हो सकी थी क्योंकि जेलेंस्की वार्ता को पौलेंड के शहर वर्सा में करना चाहते थे जबकि रूस चाहता था कि ये वार्ता बेलारूस के मिन्स्क में हो। रूस ने ये भी कहा था कि ये बातचीत केवल यूक्रेन के न्यूट्रल स्टेट घोषित करने को लेकर ही होगी। अब जेलेंस्की के बातचीत को राजी होने से इस बात की उम्मीद जगने लगी है कि शायद जल्द ही इस युद्ध का अंत भी हो जाएगा।
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के प्रेस सचिव सर्गेई निकिफोरोव का कहना है कि राष्ट्रपति ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है और शांति और युद्धविराम पर बातचीत के लिए तैयार हैं। उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा है कि मुझे आरोपों का खंडन करना होगा कि हमने बातचीत करने से इनकार कर दिया है। यूक्रेन हमेशा से ही शांति और युद्धविराम पर बातचीत के लिए तैयार है। यह हमारी स्थायी स्थिति है। हमने रूसी राष्ट्रपति के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।
निकोफोरोव के मुताबिक वार्ता के स्थान और समय के बारे में विचार-विमर्श चल रहा है। उन्होंने कहा कि जितनी जल्दी वार्ता शुरू होगी, सामान्य जीवन बहाल करने की उतनी ही अधिक संभावनाएं होंगी। रूसी राष्ट्रपति के प्रेस सचिव दिमित्री पेसकोव ने पहले कहा था कि पुतिन यूक्रेन के साथ बातचीत के लिए मिन्स्क में एक प्रतिनिधिमंडल भेजने के लिए तैयार हैं। बाद में, उन्होंने कहा कि बेलारूसी राजधानी शहर में वार्ता आयोजित करने की पहल के जवाब में यूक्रेनी पक्ष ने वर्सा को एक संभावित स्थान के रूप में सुझाया और फिर भी बाद में कोई बातचीत नहीं की।
गौरतलब है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार सुबह एक टेलीविज़न संबोधन में कहा कि था कि उन्होंने यूक्रेन के सताए डोनबास के लोगों की रक्षा के लिए एक विशेष सैन्य अभियान चलाने का निर्णय लिया था। उन्होंने ये भी कहा था कि मास्को का यूक्रेन के क्षेत्रों पर कब्जा करने की कोई योजना नहीं है। रूस की तरफ से ये भी कहा गया है कि उनकी सेना किसी शहर या लोगों को टार्गेट नहीं कर रही है। रूस ने साफ कर दिया है कि उनका अभियान नागरिक आबादी के लिए कोई खतरा नहीं है।
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