नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज सार्क देशों में आर्थिक एवं अवसंरचना विकास के लिए सार्क विकास कोष (एसडीएसफ) में भारत के पूंजी योगदान के उपयोग की अनुमति के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी। यह मंजूरी सार्क देशों के सामाजिक विकास के लिए भारत के पूंजी योगदान उपयोग के लिए वर्तमान मंजूरी के अतिरिक्त है।
इस मंजूरी से एक दूसरे देशों की अवसंरचना परियोजनाओं को प्रोत्साहन मिलेगा तथा ऐसी परियोजनाओं से सार्क देशों में व्यापार में सुधार होगा। सार्क क्षेत्र की क्षमता में वृद्धि होगी और क्षेत्र में वंचित और कमजोर वर्गों के वित्तीय समावेशन और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा। इसके लिए भारत पर कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा क्योंकि इसमें केवल एसडीएफ में भारत के पूंजी योगदान को नया ढांचा देने की व्यवस्था है।
संदर्भ :-
एसडीएफ का गठन सार्क देश में लोगों की जीविका में सुधार, आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति और गरीबी उपशमन में तेजी के लिए 2008 में किया गया था। एसडीएफ चार्टर में तीन क्षेत्रों के लिए कोष के उपयोग का में प्रावधान है।
1. सामाजिक विन्डो
2. आर्थिक विन्डो
3. अवसंरचना विन्डो
नवंबर, 2014 में काठमांडू में आयोजित 18वीं सार्क शिखर बैठक में सार्क नेताओं ने क्षेत्रीय तथा उप क्षेत्रीय परियोजनाओं के कारगर क्रियान्वयन के लिए एसडीएफ के आर्थिक तथा अवसंरचना विंडो के संचालन पर सहमति व्यक्त की थी। सार्क क्षेत्र के विकास में तेजी के लिए अवसंरचना संबंधी बाधाओं को दूर करने की दृष्टि से सामाजिक विंडो के अतिरिक्त सार्क के आर्थिक तथा अवसंरचना विंडो के लिए एसडीएफ में भारत का पूंजी योगदान का उपयोग उचित है।