लखनऊ: क्रांतिवीर रामकृष्ण खत्री द्वारा स्थापित शहीद स्मृति समारोह समिति एंव उ0प्र0 गांधी स्मारक निधि के संयुुक्त तत्वाधान में क्रान्तिकारी चापेकर बन्धुओं एवं उनके साथी महादेव विनायक रानाडे के 116 वें बलिदान दिवस पर एक स्मृति सभा का आयोजन गांधी भवन के सभागार में किया गया। इस अवसर पर महात्मा गांधी, क्रान्तिकारी चापेकर बंधुओं एवं उनके साथी महादेव विनायक रानाडे के चित्रों पर माल्यार्पण और श्रद्धा सुमन अर्पित करके उनका नमन उपस्थित लोगों ने किया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलित करके किया गया। कार्यक्रम में भातखंडे संगीत संस्थान सम विश्वविद्यालय लखनऊ के छात्रों द्वारा राष्ट्रगीत ‘‘वंदेमातरम’’ तथा देशगान ‘‘जन गण मन अधिनायक जय हे’’ का गायन किया गया ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री देवनन्दन मुनि ने कहा कि राष्ट्र की आजादी दिलाने और राष्ट्र को समृद्धिशाली शक्तिशाली तथा खुशहाल बनाने में क्रान्तिकारियों/स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के त्याग, बलिदान एवं योगदान से युवा पीढ़ी प्रेरणा लें और देश के नवनिर्माण में जुट जायें।
वयोवृद्ध स्वतंत्रता सेनानी श्री राम प्यारे त्रिवेदी ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तथा क्रान्तिकारियों की तरह देश की जनता तथा राष्ट्रहित में जाति, धर्म, सम्प्रदाय से ऊपर उठकर कार्य करें और महान कार्यों से राष्ट्र का नाम रोशन करें तथा जन सेवा के पुनीत कार्यों में जुट जायें जिससे राष्ट्र में प्रेम, सौहार्द, एकता, भाईचारे की भावना, सुख, शांति एवं समृद्धि का विकास हो। युवा पीढ़ी अखण्ड भारत, समृद्धिशाली एवं सशक्त राष्ट्र का निर्माण करने का संकल्प लें।
शहीद स्मृति समारोह समिति के महामंत्री श्री उदय खत्री ने स्वतंत्रता संग्राम मे अपने प्राणों की आहुति देने का अदभुत इतिहास रचने वाले एक ही माता-पिता के तीन जाबांज क्रान्तिकारी पुत्रों-दामोदर हरि चापेकर, बालकृष्ण हरि चापेकर, वासुदेव हरि चापेकर तथा उनके साथी महादेव विनायक रानाडे के महान कार्यों पर प्रकाश डाला। देश की आजादी के लिए पूना की यरवरदा जेल में दिलेरी के साथ फाँसी का फन्दा चूमकर हँसते-हँसते अपने प्राणों की आहुति चापेकर बन्धुओं एवं उनके साथी ने दी। कार्यक्रम में दीवान सुशील पुरी, डा0 कमलेश दुबे तथा सहायक सूचना निदेशक बी. एल. मौर्य ने भी चापेकर बन्धुओं के राष्ट्रहित में किये गये त्याग, बलिदान तथा उनके महान कार्यों पर प्रकाश डालते हुए युवा पीढ़ी को जागरूक किया।