लखनऊ: राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गन्ना एवं चीनी उद्योग सुरेश राणा के निर्देश के क्रम में चीनी मिलों की कार्यकुशलता में वृद्वि करने तथा चीनी मिल क्षेत्र में गन्ना विकास कार्यो पर अधिक धन व्यय करने के निर्देश दिये गये हैं, ताकि प्रदेश की सहकारी चीनी मिलों में औसत चीनी परता बेहतर हो सके और चीनी उत्पादन में भी वृद्वि हो सके।
प्रमुख सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि सहकारी चीनी मिलोें के क्षेत्र में गन्ने का प्रजातीय असंतुलन होने तथा अस्वीकृत प्रजातियों के अधिक गन्ना क्षेत्रफल होने से इन चीनी मिलों का औसत चीनी परता अन्य चीनी मिलों की अपेक्षा कम प्राप्त हो रहा है, इस स्थिति में सुधार के लिये सहकारी चीनी मिल समितियेां को प्राप्त होने वाली विकास कमीशन की 60 प्रतिशत धनराशि का उपयोग गन्ना विकास कार्यो यथा-कृषकों को उत्तम गुणवत्ता के गन्ना बीज, उर्वरक, दवाइयां व कृषि यंत्र आदि उपलब्ध कराने हेतु व्यय करने के निर्देश दिये गये हैं। सहकारी चीनी मिल समितियां विकास कमीशन से प्राप्त होने वाले धन को अलग बैंक खाता खोलकर जमा करेंगी और इसी खाते से आवश्यक व्यय करेंगी तथा सहकारी चीनी मिलों की बैलेसशीट में समितियों के आय-व्यय का अलग विवरण भी प्रस्तुत किया जायेगा।
श्री भूसरेड्डी ने बताया कि सहकारी चीनी मिल बोर्ड की बैठकें नियमित रूप से संपन्न कराने तथा इन बैठकों में अन्य विषयों के अतिरिक्त गन्ना विकास कार्यों पर अनिवार्य रूप से चर्चा करने के निर्देश भी शासन द्वारा दिये गये हैं। शासन द्वारा जारी वार्षिक स्थानान्तरण नीति के तहत ही सहकारी चीनी मिलों में कार्यरत गन्ना पर्यवेक्षक, गन्ना विकास निरीक्षक, सचिव व ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षकों के स्थानान्तरण तथा लम्बे समय से एक ही पटल पर कार्यरत कार्मिकों के पटल परिवर्तन करने के भी निर्देश दिये गये हैं। शासन ने किसानों की शिकायतों का त्वरित निस्तारण कराने तथा सहकारी चीनी मिल के प्रबंधकों एवं अन्य सभी अधिकारियांे कर्मचारियों को किसानों के प्रति विनम्र एवं सहयोगपूर्ण व्यवहार सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये हैं।