नई दिल्ली: मई, 2015 में केरल के अलपुझा में भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआई) के एस ए जी वॉटर स्पोर्ट्स केंद्र में एक दुखद और शर्मनाक घटना घटी, जिसमें वहां रहने वाली चार लड़कियों ने आत्महत्या की कोशिश की।
उनमें से एक लड़की की अस्पताल में मौत हो गई। इस घटना से सनसनी फैल गई और एसएआई केंद्रों में रहने वाले खिलाडि़यों की स्थिति में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
इसको देखते हुए एसएआई प्रशिक्षण केंद्रों की वर्तमान स्थिति का अध्ययन करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सिफारिश देने के लिए एक समिति गठित की गई है। निदेशक (कार्मिक), एसएआई समिति के कार्यों को देखेंगे। इस समिति में निम्नलिखित व्यक्ति शामिल हैं।
क्रम सं. | नाम | |
1 | सुश्री अश्विनी नाचप्पा | अध्यक्ष |
2 | श्री गोपी चंद | सदस्य |
3 | डॉ. जसपाल संधू, सचिव, यूजीसी | सदस्य |
4 | श्री मालव श्रॉफ | सदस्य |
5 | श्री भोगेश्वर बरूआ | सदस्य |
6 | श्री के पी मोहन, पत्रकार | सदस्य |
7 | श्री बलदेव सिंह, हॉकी विशेषज्ञ | सदस्य |
8 | सुश्री नीना पी. नायक, राष्ट्रीय बाल अधिकार सुरक्षा आयोग की पूर्व सदस्य | सदस्य |
समिति के संदर्भ में शर्तें
समिति को प्रत्येक क्षेत्र (उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम) में कम से कम एक या दो केंद्रों का दौरा करना चाहिए और मुद्दों का अध्ययन कर निम्नलिखित सिफारिशें देनी चाहिए:
1 प्रशिक्षण केंद्रों पर खिलाडि़यों के मुद्दें और उनकी भलाई तथा विकास सुनिश्चित करने के लिए उनकी समस्याओं के समाधान, उनके तनाव को कम करना, अच्छी गुणवत्ता का भोजन देना, समय पर पौष्टिक सामग्री की उपलब्धता, साफ-सफाई, मनोरंजन की सुविधा, खिलाडि़यों की शिकायतों का निवारण, यौन उत्पीड़न रोकने के उपाय, सुरक्षा की निगरानी हेतु सिफारिशें देना।
2 अन्य सिफारिश जो समिति उपयुक्त समझती हो।
एसएआई केंद्र देशभर में फैले हुए हैं और यहां अलग-अलग संस्कृति, वातावरण, खेल विधा, खिलाड़ी की पृष्ठभूमि और स्थान आदि के हिसाब से अलग-अलग मुद्दे हैं। समिति को सिफारिश देते समय इन बातों को ध्यान में रखना चाहिए। समिति को तीन महीने के अंदर सरकार को रिपोर्ट भेज देनी चाहिए।