लखनऊः क्षय रोग एक जानलेवा बीमारी है, जिसके कारण लाखों लोगों को प्रतिवर्ष जान गंवानी पड़ रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2030 तक विश्व से क्षय उन्मूलन का लक्ष्य तय किया है। भारत में प्रधानमंत्री टी0बी0 मुक्त भारत अभियान के तहत वर्ष 2025 तक ही देश से क्षय रोग को उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य को पाने के लिए प्रदेश की समस्त स्वास्थ्य इकाइयों पर गुरुवार दिनांक-15-12-2022 को पहला निःक्षय दिवस मनाया गया। ओ0पी0डी0 में आने वाले मरीजों की संख्या के सापेक्ष 10 प्रतिशत मरीजों की बलगम जांच सुनिश्चित की गयी है। स्वास्थ्य इकाइयों पर सम्भावित मरीजों के बैठने की खुली जगह की व्यवस्था और इकाई के बाहर खुले स्थान पर बलगम के नमूने लेने के लिए कफ कार्नर बनाया गया है।
एन0एच0एम0 यू0पी0 से प्राप्त जानकारी के अनुसार आशा कार्यकत्रियां दो सप्ताह या अधिक समय से खांसी वाले, दो सप्ताह या अधिक समय से बुखार वाले, वजन में कमी वाले/भूख न लगने और बलगम से खून आने वाले संभावित टी0बी0 मरीजों की सूची तैयार कर उन्हें आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य एवं कल्याण केन्द्र (हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर) तक लाने का कार्य कर रही हैं। कम्युनिटी हेल्थ आफिसर (सी0एच0ओ0) द्वारा मरीजों की प्रारम्भिक जांच (उपलब्धता के आधार पर) एच0आई0वी0, डायबिटीज और अन्य जांच सुनिश्चित की जा रही है। इसके अलावा बलगम का नमूना लेने की निम्न व्यवस्था है-
ऽ स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र की लाइन लिस्टिंग, लिंकिंग और रूट चिन्हीकरण- इसके लिए प्रत्येक उपकेन्द्र स्तर पर प्रशिक्षित सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता और ए एन एम फ्रंटलाइन स्टाफ के रूप में कार्यरत हैं।
ऽ बलगम के नमूने का निकटतम जांच केंद्र तक परिवहन- सभी एच0डब्ल्यू0सी0 और जांच केंद्र की मैपिंग कर सी0एच0ओ0 की निक्षय आई0डी0 बनाकर प्रशिक्षित किया गया है और प्रत्येक नमूने की माइक्रोस्कोपी विधि से जांच सुनिश्चित की गयी है।
ऽ माइक्रोप्लान- ैज्ै एवं ब्भ्व् आपसी तालमेल से दैनिक आधार पर प्रत्येक सैम्पल ट्रांसपोर्टर का माइक्रो प्लान तैयार कर रहे हैं जोकि 4-7 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों से बलगम के नमूने एकत्र करेंगे।
ऽ रूट-मैप- प्रतिदिन ब्भ्व् द्वारा एक बजे के पहले संग्रह व पैक किये गए बलगम के नमूनों का संग्रहण और परिवहन किया जाता है। प्रत्येक मैप किये गए क्डब्/जांच केंद्र की हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की दूरी और आवागमन में लगने वाले समय के अनुसार रूट चार्ट बनाया गया है।
ऽ दस्तावेजीकरण व रिपोर्टिंग- प्रत्येक संग्रहीत और जांच के लिए दिए गए नमूने का व्च्क् रजिस्टर और निक्षय पोर्टल में अंकन कर रेफेरल स्लिप भरी जा रही है।
ऽ अनुश्रवण एवं मूल्यांकन-सेम्पल ट्रांसपोर्टर द्वारा किये गए कार्य का अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण दैनिक आधार पर किया जाता है.
ऽ प्रशिक्षण- राष्ट्रीय टी0बी0 उन्मूलन कार्यक्रम के तहत टी0बी0 एवं बलगम के नमूनों की पैकेजिंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में ट्रांसपोर्टर, सी0एच0ओ0, और डी0एम0सी0 लैब टेक्नीशियन शामिल हैं।
क्षय रोगियों के लिए हर जरूरी दवाएं भी स्वास्थ्य इकाइयों पर उपलब्धता और प्रत्येक स्वास्थ्य इकाई पर टी0बी0 की जाँच, उपचार के बारे में परामर्श की भी व्यवस्था की जा रही है।