नई दिल्ली: शहरी विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों और शहरों के प्रशासन से आज से शुरू होने वाले स्वच्छता पखवाड़े के दौरान अगले 15 दिनों में शहरी क्षेत्रों में शौचालयों के काम-काज की व्यापक लेखा परीक्षा कराये जाने के लिए कहा है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि क्या शौचालय ठीक तरह से कार्य कर रहे हैं और उनका पूरी तरह से इस्तेमाल हो रहा है।
राज्य और शहरी प्रशासन को अगले 15 दिनों के लिए भेजी गई कार्य योजना में व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों और समुदाय तथा घरेलू शौचालयों के कामकाज की प्रभावी रूप से लेखा परीक्षा करने के लिए समुदाय प्रतिनिधियों तक पहुंच कायम करने और जल उपलब्धता सहित पाई जाने वाली खामियों को दूर करने के लिए कहा गया है।
राज्यों और शहरों से पखवाड़े की शुरुआत में कम-से-कम दो अभियान शुरू करने और एक सप्ताह बाद शौचालयों के निर्माण के लिए लाभार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए कहा गया है। समुदाय एवं सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण के लिए शिलान्यास किये जाने हैं जो अब निविदा चरण में हैं।
व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों के निर्माण के लिए लाभार्थियों को बकाया राशि का भुगतान करने के लिए विशेष कैंप आयोजित किये जा रहे हैं। व्यवहार में परिवर्तन लाने के एक हिस्से के रूप में ‘असली तरक्की अभियान’ के बारे में पोस्टर, स्कूटर या टीवी सेट खरीदने जैसी जरूरत के मुकाबले शौचालय के निर्माण को प्राथमिकता देने के कार्यों से संबंधित होर्डिंग और पोस्टरों को भी इस पखवाड़े के दौरान अधिक प्रमुखता और व्यापक रूप से प्रदर्शित किया जायेगा।
राज्यों और शहरी प्रशासन को व्यापक प्रचार-प्रसार तथा स्वच्छता प्रक्रियाओं के बारे में लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रस्तावित गतिविधियां आयोजित करते समय मीडिया को शामिल करने की भी सलाह दी गई है। शहरी विकास मंत्रालय राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लोगों की भलाई के लिए जल्दी ही गूगल टॉयलेट लोकेटर की शुरुआत करेगा। इससे उपयोग के लिए नजदीकी शौचालय का पता लगाने में मदद मिलेगी।