नई दिल्ली: अस्पताल एवं स्वास्थ्य देखरेख प्रदातों के राष्ट्रीय प्रमाणन बोर्ड (एनएबीएच) ने कायाकल्प योजना के पैमानों की तर्ज पर निजी क्षेत्र में स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं के आकलन पर विचार करने का फैसला किया है। यह देश के विभिन्न भागों में चलाए जा रहे सफाई एवं स्वच्छता अभियान स्वच्छता ही सेवा के तहत एक पहल भी है।
संक्रमण रोकने के लिए लिए महत्वपूर्ण होने के अलावा अस्पतालों में सफाई एवं स्वस्थ वातावरण से रोगियों और आगंतुकों को एक सकारात्मक अनुभव मिलता हैं और यह लोगों को अपने घरों और कार्यस्थल पर स्वच्छता एवं सफाई से संबंधित व्यवहार में बदलाव लाने को प्रोत्साहित भी करता हैं। रोगियों की तत्काल देखभाल के साथ अस्पतालों में सफाई और स्वस्थ वातावरण में उन्हें गरिमा और सम्मान के साथ रखने से उनकी बीमारी में तेजी से सुधार होता है और उन्हें संतुष्टि भी मिलती है। इन कोशिशों के तहत भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने वर्ष 2015 में ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत ऐसी कोशिशों को पहचानने के लिए ‘कायाकल्प’ योजना लॉन्च की।
सरकार की इस पहल के साथ सार्वजनिक क्षेत्र में स्वास्थ्य देखभाल केंद्र सफाई एवं स्वास्थ्य देखभाल में उच्च स्तर को हासिल करने के लिए एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। इस पहल से सफाई एवं स्वास्थ्य देखभाल, रोगियों की संतुष्टि, अस्पतालों/संस्थानों के कर्मचारियों, रोगियों और उनके तिमारदारों के व्यवहार में स्वच्छता को लेकर महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की स्वास्थ्य देखरेख केंद्रों में सफाई और स्वच्छता को लेकर सार्वजनिक धारणा भी बदल रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय वार्षिक आधार पर निजी अस्पतालों द्वारा उत्कृष्ट कार्यों की पहचान करेगा।