कनाडा: संत निरंकारी मिशन के प्रमुख बाबा हरदेव सिंह का शुक्रवार को कनाडा में हुए एक सड़क हादसे में निधन हो गया। बाबा के साथ उनके दामाद भी इस हादसे का शिकार हुए। बाबा के निधन की सूचना सबसे पहले भाजपा नेता शहनवाज हुसैन ने ट्विटर पर दी। सूचना के बाद दुनिया भर में बाबा के करोड़ों अनुयायियों में शोक की लहर है।
बाबा हरदेव सिंह शुक्रवार को कार से न्यूयॉर्क से मॉन्ट्रियल आ रहे थे। उनके दोनों दामाद अवनीत और सन्नी उनके साथ। सन्नी खुद गाड़ी चला रहे थे। कार की रफ्तार तेज थी। भारतीय समयानुसार सुबह लगभग साढे पांच बजे कार अचानक पलट गई। हादसे में तीनों सवार घायल हो गये। तीनों को अस्पताल पहुंचाया गया। जहां 62 वर्षीय बाबा हरदेव सिंह और उनके दामाद अवनीत की मौत हो गई। जबकि सन्नी की हालत गंभीर है। उनका इलाज चल रहा है। बाबा का परिवार इस वक्त कनाडा में मौजूद है।
भाजपा नेता शहनवाज हुसैन ने शुक्रवार को सबसे पहले बाबा के निधन की खबर ट्विटर पर दी। शहनवाज ने लिखा ‘बाबा हरदेव सिंह का कनाडा में निधन हो गया। मैं इस खबर से बेहद दुखी हूं।’ इस ट्वीट के बाद संत निरंकारी मिशन के प्रवक्ता अनिल कुमार ने भी बाबा के निधन की पुष्टि की है। मिशन के करोड़ों अनुयायियों में शोक की लहर है। देश के प्रमुख नेताओं और हस्तियों ने ट्विटर पर शोक प्रकट किया है।
बाबा हरदेव सिंह का जन्म 23 फरवरी 1954 को दिल्ली में हुआ। उनके पिता का नाम बाबा गुरबचन सिंह हैं। हरदेव की शुरुआती पढ़ाई संत निरंकारी काॠलोनी में हुई। इसके बाद वह पढ़ाई के लिए पटियाला चले गए। 1971 में हरदेव सिंह संन निरंकारी मिशन से जुड़े। 1975 में उनकी शादी उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद की सविंदर कौर से हुई। सविंदर भी निरंकारी मिशन की सदस्य थीं। 1980 में सिखों से विवाद के चलते बाबा गुरबचन सिंह जी की हत्या की गई। इसके बाद बाबा हरदेव सिंह संत निरंकारी मिशन के मुखिया बनाए गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा हरदेव सिंह के निधन पर ट्वीट कर शोक जताया है। उन्होंने लिखा ‘बाबा का निधन दुखदायी है। विश्व आध्यात्मिक समुदाय के लिए अपूरणीय क्षति है। निरंकारी मिशन के सभी सदस्यों के प्रति मैं अपनी संवेदना प्रकट करता हूं।’
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ट्वीट किया, ‘बाबा हरदेव सिंह का कार हादसे में निधन चौंकाने वाला और दुखद है।’ कांग्रेस के जगदीश टाइटलर ने लिखा,’हादसे की सूचना दिल को दुखाने वाली है। बाबा के समर्थकों के लिए यह अपूरणीय क्षति है।’