देहरादून: हरेला महोत्सव के अन्तर्गत आयोजित कार्यक्रम की श्रृखला में आज वन एवं वन्यजीव, न्याय एवं खेल मंत्री दिनेश अग्रवाल द्वारा सरदार भगवान सिह पोस्ट ग्रेजुऐट इन्स्टीट्यूट आॅफ बायोमेडिकल एण्ड रिजर्च, बालावाला, में महुआ का बीज बोया तथा भारूवाला ग्रान्ट में वृक्षारोपण किया।इस अवसर पर मा0 वन मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य वन बाहुल्य क्षेत्र राज्य होने के बावजूद भी पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा है तथा जीवनदायनी मां गंगा एवं यमुना का असतित्व बचाने के लिए वृक्षारोपण करना अनिवार्य है। वृक्षों की अधिकता से पर्यावरण स्वच्छ होने के साथ ही जलस्त्रोत भी रिचार्ज होगें, जिससे पानी संरक्षित होगा और मां गंगा, यमुना का असतित्व बचाने सहायक हो पाएगा। उन्होने कहा कि इसी उद्देश्य को सार्थक करने के लिए मा0 मुख्यमंत्री द्वारा ’’हमारा पेड़ हमारा धन’’ योजना शुरू की है, इस योजना को सफल बनाने के लिए मा0 मुख्यमंत्री की पहल से हरेला महोत्सव कार्यक्रम के तहत प्रदेश के समस्त जनपदों में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। जिसके लिए प्रत्येक वृक्ष को लगाने के लिए 300 से 400 रू0 तक की धनराशि तीन वर्ष में एफ.डी के तहत दी जायेगी। जिसमें कम से कम प्रत्येक व्यक्ति 100 वृक्ष लगा सकते है जिसमें फलदार एवं चारा वाले वृक्ष शामिल है। उन्होने कहा कि पहाड़ से पलायन रोकने के लिए यह योजना सहायक सिद्ध होगी। उन्होने कहा कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए इसमें सरदार भगवान सिंह इन्सटीट्यूट अपना सहयोग दे रहा है जो एक वर्ष में एक लाख महुआ के पौधे तैयार कर वन विभाग को उपलब्ध कराएगा। उन्होने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वनो की सुरक्षा के लिए पानी का संवर्द्धन करने हेतु चाल-खाल का निर्माण कराएं जिससे अधिक से अधिक जल संवर्द्धन हो सके। उन्होने यह भी कहा कि पहाड़ में चीड़ के पतों से आग लगने की सम्भावना अधिक रहती है जिससे वनों को काफी नुकसान हो रहा है चीड़ के वृक्ष काटने की अनुमति के लिए भारत सरकार को पत्र लिखा गया है।
इस अवसर पर संस्थान के चेयरमैन श्री एस0पी0 सिंह जी ने कहा की एफ0आर0आई0 मध्य प्रदेश, जबलपुर से 10 कुन्टल उत्कृष्ट महुआ के बीजो को मगाया गया है। इस वर्ष इन बीजों से पौधे तैयार किये जायेंगे एवं अगले वर्ष से प्रत्येक वर्ष एक लाख महुआ के पौधों का रोपण शुरू किया जायेग। जिससे कि विलुप्त हो रही महुआ प्रजाति का संरक्षण किया जा सके एवं भविष्य में कोई पर्यावरण प्रेमियो की समिति या कोई अन्य संस्था अवश्यकता अनुसार संस्था से इन पौधौ को निशुल्क प्राप्त कर सकता है। वर्तमान में संस्थान के बायोटेक विभाग में आॅवला एवं महुआ तथा अन्य विलुप्त हुई प्रजातियों के पौधो पर अध्ययन किया जा रहा है। आवुर्वेद में भी महुआ के पौधे के विभिन्न हिस्सों की उपयोगिता को बताया गया है।
इस अवसर पर (बालावाला में) संस्थान के प्रबन्धक सचिव डाॅ0 जी0डी0 सिंह, निदेशक प्रो0 एफ0सी0 गर्ग, सभी विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण, गैर शिक्षक कर्मचारी एव विद्यार्थी एवं देहरादन के पर्यावरण प्रेमी भी उपस्थित रहे है, , वन विभाग रेंज के रेन्जर श्री विश्वपाल चै0, डिप्टी रेन्जर श्री मोहन सिंह रावत, वन दरोगा श्री सत्य प्रसाद बिन्जोला व वन वीटा अधिकारी श्री भगत राम चमोली तथा जीवन नाथ जी तथा इन्सटीट्यूट के छात्र/छात्राएं उपस्थित थे।
इससे पूर्व मा0 वन मंत्री द्वारा भारूवाला ग्रान्ट सुभाष नगर मेें वृक्षारोपण किया। उन्होने क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों एवं जनता से अपेक्षा की है कि वे मा0 मुख्यमंत्री की पहल पर आयोजित हरेला कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी लोग अपने-2 क्षेत्रों में अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें। इसके लिए उन्होने प्रभागीय वनाधिकारी को निर्देश दिये हैं कि वे क्लेमेन्टाउन, भारूवाला ग्रान्ट, चन्द्रबनी खालसा के वन क्षेत्रों से झाडि़यों की सफाई कर ऐसे स्थानों पर अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने के निर्देश दिये। इसके पश्चात वन मंत्री द्वारा चन्द्रबनी खालसा में वन भूमि का भी औचक निरीक्षण किया तथा चन्द्रबनी खालसा में खाली पड़ी वन भूमि को ग्राम सभा एवं खेल विभाग को हस्तान्तरित करने के निर्देश दिये उन्होने कहा कि इस स्थान पर मिनी स्टेडियम तैयार किया जाएगा जिससे क्षेत्रीय युवाओं को खेल की सुविधाएं उनके क्षेत्र में ही मुहैया कराई जाएगी। उन्होने कहा कि इस स्थान पर ग्रामसभा के लिए सामुदायिक भवन भी तैयार किया जाएगा।
इस अवसर पर (भारूवाला ग्रान्ट सभाष नगर में) जिला पंचायत सदस्य भारूवाला ग्रान्ट राजश परमार, प्रधान ग्राम सभा भारूवाला ग्रान्ट श्रीमती कुसुम, प्रधान चन्द्रबनी खालसा भगवान सिंह बिष्ट, प्रधान मौहब्बेवला विरेन्द्र कुमार, गोरखा संघ के अध्यक्ष एम.पी गुरूंग, रमेश कुमार मंगू, आशीष भारद्वाज, पियूष गौड, प्रभागीय वनाधिकारी पी.के पात्रो सहित वन विभाग के अधिकारी एवं क्षेत्रीय लोग उपस्थित थे।