रियाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को सऊदी अरब के बड़े कारोबारियों से मुलाकात की और उन्हें भारत आने के लिए न्योता दिया पीएम ने कहा, दोनों देशों में एक्सपोर्ट-इंपोर्ट की
बहुत संभावनाएं हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जनसंख्या के हिसाब से सही विभाजन, मांग और लोकतंत्र- ये तीन चीजें भारत की ताकत हैं मोदी ने सऊदी अरब की बड़ी कंपनियों के सीईओ से कहा, ‘हम एक्सपोर्ट-इंपोर्ट के संबंधों से भी आगे बढ़ें संयुक्त निवेश और तकनीक के ट्रांसफर जैसे ऐसे क्षेत्र हैं, जिन पर हमें काम करना चाहिए।
यहां भारत माता की जय के नारे भी लगे। मोदी ने कहा कि मैं उन लोगों से मिल रहा हूं, जो सऊदी अरब के गौरव हैं। आप सभी भारत आएं, मैं भरोसा देता हूं आपका यहां गर्मजोशी से वेलकम होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने टीसीएस के वर्कर्स से कहा कि नई टेक्नोलॉजी से जुडऩा मुझे पसंद है। मैं आपके लिए हमेशा नरेंद्र मोदी एप के जरिए जुड़ा रहता हूं।
उन्होंने कहा कि आप मुझे बताएं कि भारत में क्या किया जाना चाहिए। आज मैं यहां जो माहौल देख रहा हूं, उसमें दुनिया को कड़ा जवाब देने की ताकत है। इससे पहले टीसीएस में मोदी का गर्मजोशी से वेलकम किया गया।
इससे पहले शुक्रवार को मोदी ने सऊदी अरब में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत के पास दुनिया को देने के लिए काफी कुछ है खासतौर पर प्रतिभावान एवं हुनरमंद श्रमशक्ति के रूप में और उनकी सरकार ‘सबका साथ, सबका विकासÓ के मंत्र को लेकर इस दिशा में आगे बढ़ रही है।
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार आव्रजन के नियमितीकरण की दिशा में काम कर रही है और सऊदी अरब में जल्द ही कामगारों के लिए चौबीस घंटे काम करने वाला एक और कॉल सेंटर स्थापित किया जायेगा। मोदी ने रियाद में भारतीय निर्माण कंपनी एल एंड टी के कर्मचारियों के आवासीय परिसर में उनसे मुलाकात की थी। यह कंपनी रियाद मेट्रो के निर्माण के कार्य में शामिल है। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कहा था कि भारत सरकार ई-माइग्रेट कार्यक्रम की शुरुआत कर चुकी है। आने वाले समय में हम आव्रजन को नियमित करने के लिये काम कर रहे हैं। हम और अधिक कामगार संसाधन केन्द्र खोलेंगे। जल्द ही कामगारों के लिए एक और कॉल सेंटर स्थापित किया जायेगा।
मोदी ने परियोजना में लगे कर्मचारियों की मेहनत की तारीफ करते हुए कहा कि यह आपकी कड़ी मेहनत है जो मुझे यहां लायी है। विदेशों में भारतीय कर्मचारियों द्वारा काम से न सिर्फ उन्हें पैसा मिलता है बल्कि इससे भारत की क्षमता को बढावा मिलता है। उन्होंने कहा कि भारत में क्षमता है कि वह दुनिया को मैनपॉवर दे सके। इस मौके पर उन्होंने कर्मचारियों के साथ खाना भी खाया और उनसे बातचीत की।