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बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं योजना का 61 और जिलों में विस्‍तार किया जा रहा है: श्रीमती मेनका संजय गांधी

देश-विदेश

नई दिल्ली: सरकार ने पिछले 20 महीनों के दौरान भारत में महिलाओं और बच्‍चों के कल्‍याण और सुरक्षा के लिए कई नई और प्रभावी पहल की हैं। आज जयपुर में अखिल भारतीय

क्षेत्रीय संपादक सम्‍मेलन के अवसर पर महिला और बाल विकास मंत्रालय की पहलों और उपलब्धियों पर एक सत्र को संबोधित करते हुए महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी ने कहा कि उनके मंत्रालय द्वारा अपनाए गए कुछ प्रमुख उपायों में हिंसा से प्रभावित महिलाओं के लिए एकल सुविधा केन्‍द्र, किशोर न्‍याय अधिनियम 2015 का अधिनियमन, पुलिस कार्यबल में महिलओं का 33 प्रतिशत आरक्षण, लापता बच्‍चों के लिए खोया-पाया पोर्टल, गुमशुदा बच्‍चों पर रेलवे के साथ समझौता, जेंडर चैंपियन्‍स की योजना और विशेष पुलिस स्‍वयं सेवक आदि शामिल हैं।

श्रीमती मेनका संजय गांधी ने कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं महिला और बाल विकास मंत्रालय का एक प्रमुख कार्यक्रम है और इसका शुभारंभ प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की पहल पर किया गया था। इस योजना को प्रारंभिक तौर पर प्रतिकूल बाल लिंग अनुपात के साथ 100 जिलों में प्रारंभ किया गया था और इस योजना के उत्‍साहजनक परिणामों को देखते हुए इसे अब 61 और जिलों में विस्‍तारित किया जा रहा है। उन्‍होंने बताया कि योजना के जमीनी स्‍तर के प्रदर्शन के विवरणों को शीघ्र ही उपलब्‍ध कराया जा रहा है।

पिछले वर्ष जुलाई में शुभारंभ की गई एकल सुविधा केन्‍द्र की नई योजना के बारे में अपने विचार व्‍यक्‍त करते हुए मंत्री महोदया ने कहा कि ‘सखी’ नामक 20 एकल सुविधा केन्‍द्रों का पहले ही गठन किया जा चुका है, जिनमें से 10 संचालन में हैं। श्रीमती मेनका संजय गांधी ने ऐसे ही 660 केन्‍द्रों के गठन की घोषणा की। उन्‍होंने कहा कि महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण को 7 बड़े राज्‍यों के साथ-साथ सभी संघ शासित प्रदेशों में कार्यान्वित किया जा चुका है और शेष राज्‍यों में इसके जल्‍द ही कार्यान्वित होने की आशा है। इससे महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों से प्रभावी रूप से निपटने में मदद मिलेगी। उन्‍होंने बताया कि दो महीनों के भीतर सभी नये सैल फोनों में संकटग्रस्‍त महिला के लिए एक पैनिक बटन होगा और पुराने फोनों में भी इन्‍हें इंस्‍टोल कराया जा सकेगा।

इसी प्रकार से, रेलवे के साथ महिला और बाल विकास मंत्रालय ने एक समझौते पत्र पर हस्‍ताक्षर किये हैं। मंत्रालय की यह पहल लापता, अपहरण, भागे हुए, बहलाफुसलाकर लाए गए बच्‍चों का पता लगाने और उनका पुनर्वास करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। एक प्रश्‍न के उत्‍तर में उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री की पहल पर नागरिकों की सुविधा के लिए एक खोया-पाया वेबपोर्टल तैयार किया गया है, जिस पर लापता बच्‍चों के बारे में जानकारी साझा करने और उनको शीघ्रता से खोजना सरल होगा। चाइल्‍ड लाइन को भी 200 से 386 शहरों तक विस्‍तारित किया जा चुका है और इसका आगे 500 शहरों में विस्‍तार किया जाएगा।

बच्‍चों के पोषण पर अपने विचार व्‍यक्‍त करते हुए श्रीमती मेनका संजय गांधी ने कहा कि एक व्‍यापक नवीन राष्‍ट्रीय पोषण कार्यक्रम विचाराधीन है, जिससे देशभर में बच्‍चों के लिए पोषक, संतुलित और स्‍वस्‍थ खाद्य प्रदान किया जा सकेगा। आजादी के बाद से पहली बार वैज्ञानिक आधार पर जंकफूड के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। मातृत्‍व अवकाश में विस्‍तार, विवाह से संबंधित वेबसाइटों का पुनर्सुधार, कार्यस्‍थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्‍पीड़न पर पुस्तिका, सभी कंपनियों के द्वारा अपने निदेशक मंडल में एक महिला की नियुक्ति अनिवार्य, सभी जिलों में महिला कल्‍याण समितियां जैसे महत्‍वपूर्ण उपायों से देश में महिलाओं के कल्‍याण में वृद्धि होगी।

उन्‍होंने कहा कि करीब 1000 विधवाओं के लिए रहने, कार्य और प्रशिक्षण प्राप्‍त करने की सुविधा के साथ वृंदावन देश का सबसे बड़ा सुविधा केन्‍द्र होगा। श्रीमती मेनका गांधी ने बताया कि इसका निर्माण प्रारंभ किया जा चुका है और इसके एक वर्ष के भीतर पूर्ण होने की संभावना है। गांव के आर्थिक, सामाजिक और बुनियादी विकास में वृद्धि और महिलाओं को प्रभावी प्रमुख बनाने के लिए अगले महीने से महिला सरपंचों के लिए प्रशिक्षण का कार्यक्रम चलाया जाएगा।

श्रीमती मेनका संजय गांधी ने इस सम्‍मेलन का उद्घाटन भी किया। इस अवसर पर उन्‍होंने सरकारी नई पहलों पर एक फोटो प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया। इस प्रदर्शनी का आयोजन सूचना और प्रसारण मंत्रालय की मीडिया इकाई डीएवीपी के द्वारा किया गया है।

दो दिवसीय क्षेत्रीय संपादक सम्‍मेलन का आयोजन पत्र सूचना कार्यालय द्वारा किया गया है और इस सम्‍मेलन में 9 केन्‍द्रीय मंत्रियों सहित संपादक, ब्‍यूरो प्रमुख और देशभर के क्षेत्रीय मीडिया का प्रतिनिधित्‍व करने वाले वरिष्‍ठ संवाददाता भाग ले रहा हैं।

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