18 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

आलू की फसल को झुलसा रोग व कीट से बचायें: राघवेन्द्र प्रताप सिंह

उत्तर प्रदेशकृषि संबंधित

लखनऊ: प्रदेश में आलू के अच्छे उत्पादन हेतु सम-सामयिक महत्व के कीट/व्याधियों का उचित समय पर नियंत्रण नितान्त आवश्यक है। आलू की फसल अगेती व पिछेती झुलसा रोग के प्रति अत्यन्त संवेदनशील होती है। प्रतिकूल मौसम विशेषकर बदलीयुक्त बूंदा-बांदी एवं नम वातावरण में झुलसा रोग का प्रकोप बहुत तेजी से फैलता है तथा फसल को भारी क्षति पहुंचती है। आलू उत्पादकों को सलाह दी जाती है कि आलू की अच्छी पैदावार सुनिश्चित करने हेतु रक्षात्मक दृष्टिकोण अपनाया जाना चाहिए।

यह जानकारी देते हुए निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग श्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि पिछेती झुलसा रोग के प्रकोप से पत्तियां सिरे से झुलसना प्रारम्भ होती है, जो तीव्रगति से फैलती हैं। पत्तियों पर भूरे काले रंग के जलीय धब्बे बनते हैं तथा पत्तियों के निचली सतह पर रुई की तरह फफूँद दिखाई देती है। बदलीयुक्त 80 प्रतिशत से अधिक आर्द्र वातावरण एवं 10-20 डिग्री सेन्टीग्रेड तापक्रम पर इस रोग का प्रकोप बहुत तेजी से होता है और 2 से 4 दिनों के अन्दर ही सम्पूर्ण फसल नष्ट हो जाती है। अगेती झुलसा में पत्तियां बीच में झुलसना प्रारम्भ होती है।

आलू की फसल को अगेती व पिछेती झुलसा रोग से बचाने के लिए जिंक मैगनीज कार्बामेट 2 से 2.5 किग्रा0 को 800-1000 ली0 पानी में अथवा मैंकोजेब 2 से 2.5 किग्रा0 800-1000 ली0 पानी में घोल बना कर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव किया जाये तथा आवश्यकतानुसार 10 से 15 दिन के अन्तराल पर दूसरा छिड़काव काॅपर आक्सीक्लोराइड 2.5 से 3 किग्रा0 अथवा जिंक मैगनीज कार्बामेट 2 से 2.5 किग्रा0 तथा माहू कीट के प्रकोप की स्थिति में नियंत्रण के लिए दूसरे छिड़काव में फफूँदीनाशक के साथ कीट नाशक जैसे-डायमेथेएट 1 ली0 प्रति हेक्टेयर की दर से मिलाकर छिड़काव करना चाहिए।

जिन खेतों में अगेती व पिछेती झुलसा रोग का प्रकोप हो गया हो तो ऐसी स्थिति में रोकथाम के लिये अन्तःग्राही (सिस्टेमिक) फफूँद नाशक मेटालेक्जिल युक्त रसायन 2.5 किग्रा0 अथवा साईमोक्जेनिल युक्त फफूँदनाशक 3 किग्रा0 प्रति हेक्टेयर की दर से 800-1000 ली0 पानी में घोल बनाकर छिड़काव करने की सलाह दी जाती है।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More