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सुरक्षित, बेहतर और समृद्ध उत्तराखंड के लिए उत्तराखंड बचाओ आंदोलन का आगाज

उत्तराखंड

देहरादून: जनता के द्वारा, जनता के लिए उत्तराखंड में प्रथम विकल की सोच  एवं समाधान पर एक बैठक का आयोजन किया गया।  इस बैठक की अध्यक्षता  श्री जगदीश भट्ट द्वारा किया गया।  कार्यक्रम में उत्तराखंड के  ज्वलंत सभी मुद्दों पर मंथन किया गया  जिसमें मुख्य रुप से उत्तराखंड में महिलाओं को  असुरक्षित महसूस होना,  पहाड़ों में जंगली जानवरों जैसे तेंदुए, भालू  और जंगली  सूअरों से  जनजीवन एवं फसल सुरक्षा,  सरकारी नौकरियों में धांधली एवं बंदरबांट,  उत्तराखंड में भ्रष्टाचार  और बेरोजगारी के ऊपर मंथन किया गया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री जगदीश भट्ट ने कहा कि हम अपने सामाजिक राजनीतिक संगठन  के माध्यम से उत्तराखंड में रोजगार का सृजन करना शुरू कर दिए हैं तथा हमारे इस मुहिम में हजारों युवा अभी तक  जुड़ चुके हैं।  हमारा लक्ष्य है कि आत्मनिर्भर उत्तराखंड का निर्माण हो जहां पर उत्तराखंड के  विकास में हर वर्ग के लोगों का योगदान हो!  उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो भी समस्याएं उत्तराखंड के अंदर है हम उनमें से कुछ समस्याओं के समाधान को लेकर सक्रिय रूप से लोगों से सलाह मशवरा कर रहे हैं तथा हम उसके निदान के ऊपर कार्य भी कर रहे हैं।  स्वरोजगार के लिए हम मुख्य रूप से  पहाड़ों में खेती को बढ़ावा दे रहे हैं साथ ही साथ भैंस पालन, गाय पालन, बकरी पालन एवं मुर्गी पालन को भी किसानों को अपनाने के लिए बोल रहे हैं ताकि किसानों की आय में बढ़ोतरी हो और वह सब संपन्नता की ओर आगे बढ़े। वहीं कुछ चिन्हित जगह पर हम मछली पालन एवं  मसालों की खेती,  जड़ी बूटी की खेती को भी बढ़ावा दे रहे हैं ताकि  लोग अपने जमीनों  से अच्छी आय प्राप्त कर सकें।

बैठक में उपस्थित सभी लोगों ने सर्वसम्मति से उत्तराखंड का पहला विकल्प के रूप में  एक सामाजिक राजनीतिक संगठन बनाने के लिए हामी भरी तथा  सभी ने कहा कि  हम जल्द ही अपने सामाजिक राजनीतिक संगठन के नामों की घोषणा करेंगे।

इस बैठक में तारा दत्त भट्ट, मोहन ढोंड्रियाल, शेर सिंह बिष्ट , ओंकार सिंह कोली, हरीश खुल्बे, चारु तिवारी, रमेश शर्मा, उमेश चंद्र मठपाल, के एस मटियाली, अनूप चौहान, शशि बडोला  एवं कमल ध्यानी ने  भाग लिया।

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