देहरादून: भारत की सबसे बड़ी क्रेडिट कार्ड कंपनी, एसबीआई कार्ड ने आज वीडियो नो योर कस्टमर (वीकेवाइसी) फीचर को लॉन्च करने की घोषणा की है। इस नए फीचर की मदद से ग्राहकों की जीरो कॉन्टैक्ट, परेशानीरहित ऑन-बोर्डिंग प्रक्रिया सुनिश्चित होगी। यह लॉन्च शुरू से लेकर अंत तक कागजरहित, डिजिटल सोर्सिंग और ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया स्थापित करने के एसबीआई कार्ड के प्रयास के अनुरूप है। वीकेवाईसी लॉन्च से न केवल धोखाधड़ी के मामलों में कमी आएगी, बल्कि इससे केवाईसी प्रक्रिया का खर्च भी लगभग आधा हो जाएगा।
एसबीआई कार्ड ने वीकेवाईसी को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के हालिया दिशानिर्देशों के बाद लॉन्च किया है, जिसमें वीसीआइपी को ई-साइन प्रक्रिया के साथ ग्राहक पहचान स्थापित करने की एक विधि के रूप में मंजूरी दी गई है। वीकेवाईसी एक सरल व बगैर उपस्थित वाली यात्रा प्रदान करता है, जहां एक ग्राहक को किसी के साथ भौतिक रूप से संपर्क करने की कोई आवश्यकता नहीं होती है। डिजिटल ग्राहक ऑनबोर्डिंग यात्रा में, ई-साइन प्रक्रिया आवेदक से डिजिटल एप्लीकेशन फॉर्म पर डिजिटल हस्ताक्षर प्राप्त करने में मदद करती है। आवेदक ने जो विवरण दिया था, उसे सत्यापित करने के लिए पीडीएफ प्रारूप में उसे अपना आवेदन पत्र मिलता है। विवरणों को सत्यापित करने के बाद, आवेदक डिजिटल रूप से आवेदन पत्र पर ई-साइन करता है और कार्ड प्रोसेसिंग आरंभ हो जाती है।
वीकेवाईसी के लॉन्च पर टिप्पणी करते हुए एसबीआई कार्ड के एमडी और सीईओ श्री हरदयाल प्रसाद ने कहा, ष्हम तकनीक से संचालित कंपनी हैं और अपने उपयोगकर्ताओं के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए हर मार्चे पर अत्याधुनिक आधारभूत संरचना तैयार करने के लिए महत्वपूर्ण निवेश किया है। हर कदम पर ग्राहकों की यात्रा को डिजिटल करने और पूरी प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए हमने टेक्नोलॉजी को शानदार ढंग से तैनात किया है। जिंदगी को सरल बनाने (मेक लाइफ सिंपल) के हमारे दृष्टिकोण के अनुरूप, अब हम वीडियो केवाईसी लॉन्च करके खुश हैं जोकि हमारे ग्राहकों के लिए एक सुरक्षित, एआई संचालित, डिजिटल यात्रा है। यह संपर्करहित प्रक्रिया के माध्यम से उच्च सुरक्षा के साथ उपयोग में आसानी प्रदान करता है। आज के परिदृश्य में, जबकि सोशल डिस्टेंसिंग एक नया नॉर्मल बन गया है, यह सुविधा हमारे ग्राहकों के लिए बहुत मायने रखती है, और हम उम्मीद करते हैं कि इसे अच्छा रिस्पांस मिलेगा।”
सोशल डिस्टेंसिंग अब नया नॉर्मल बन गया है, ऐसे में वीकेवाईसी की मदद से ग्राहक पूरी तरह से बगैर उपस्थिति वाली यात्रा से गुजरता है, इससे उसे फिजिकली किसी से कोई बातचीत करने की जरूरत नहीं पड़ती है। वीकेवाईसी प्रक्रिया फेशियल रिकॉग्निशन, डायनैमिक वेरिफिकेशन कोड, एआइ इनेबल्ड ओसीआर, लाइव फोटो कैप्चार फेशियल रिकॉग्निशन, ओसीआर, जियोटैगिंग आदि जैसी तकनीकों का इस्तेमाल करती है। इन्हें आरबीआइ के दिशानर्देशों द्वारा अनिवार्य किया गया है। इस तरह ये फिजिकल केवाइसी प्रक्रिया से ज्यादा सुरक्षित है।
तकनीकी आधारभूत संरचना और तंत्र एसबीआई कार्ड की प्रमुख प्रतिस्पर्धी ताकत हैं। एसबीआई कार्ड ने तकनीकी आधारभूत संरचना में महत्वपूर्ण निवेश किया है। इसके तकनीकी तंत्र विभिन्न कार्यों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और प्रोसेस ऑटोमेशन तकनीकों का लाभ उठाता है। इससे ग्राहकों के अनुभव में सुधार आता है और कामकाज की दक्षता बेहतर होती है।
एसबीआई कार्ड वीकेवाईसीरू यह कैसे काम करता है?
एक ग्राहक को शीघ्र और आसान केवाईसी पूरा करने के लिए कुछ सरल चरणों का पालन करना होगा
1. ग्राहक एसबीआई कार्ड वेबसाइट पर या टेली-कॉलिंग के माध्यम से आवेदन पत्र भरता है
2. वीकेवाईसी के लिए ग्राहक से अपॉइंटमेंट लिया जाता है और ग्राहक को वीकेवाईसी के लिए लिंक भेजा जाता है
3. लिंक के माध्यम से, ग्राहक अपने विवरण भरता है – नाम द्य जन्म तिथि द्य पैन नंबर और आधार की एक्सएमएल कॉपी अपलोड करता है
4. एसबीआई कार्ड अधिकारी के साथ डायनैमिक वेरिफिकेशन कोड के माध्यम से फेस टू फेस वीडियो कॉल शुरू की जाती है
– ग्राहक एआई इनेबल्ड ओसीआर के माध्यम से पैन सत्यापन के लिए वीडियो कॉल पर अपना पैन कार्ड दिखाता है।
– आवेदक का फोटो वीडियो कॉल के दौरान लिया जाता है और फेशियल रिकग्निशन सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हुए इसका आधार और पैन कार्ड से मिलान किया जाता है। लोकेशन जिओटैगिंग यह सत्यापित करने के लिए की जाती है कि ग्राहक भारत में ही है
5. एक बार सभी चीजों का मिलान करने के बाद, वीकेवाईसी पूरा हो जाता है
6. आवेदन पत्र डिजिटल रूप से ई-साइन प्रक्रिया के माध्यम से आवेदक द्वारा डिजिटली हस्ताक्षरित है