नई दिल्ली: उच्च्तम न्यायालय ने बुधवार को एक अंतरिम आदेश में केंद्र सरकार से सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित मामलों के जल्द निपटान के लिए कदम उठाने को कहा। न्यायालय ने कहा कि इसके लिए फास्ट ट्रैक अदालतों की तर्ज पर विशेष अदालत गठित की जा सकती है। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा भी शामिल हैं, ने केंद्र सरकार से यह बताने को कहा है कि सांसदों के खिलाफ कितने मामले लंबित हैं।
EC ने की दागी नेताओं पर आजीवन प्रतिबंध की मांग
न्यायालय ने यह अंतरिम आदेश भारतीय जनता पार्टी के नेता अश्विनी उपाध्याय की ओर से दाखिल याचिका पर जारी किया है। इस याचिका में दोषी ठहराए गए सांसदों और विधायकों पर आजीवन प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है। न्यायालय ने कहा कि केंद्र को बताना चाहिए कि सांसदों के खिलाफ लंबित मामलों के त्वरित निपटान के लिए विशेष अदालतों के गठन पर कितना खर्च होगा। न्यायालय ने कहा कि ऐसा फास्ट ट्रैक अदालतों की तर्ज पर किया जा सकता है। मामले की अगली सुनवाई 13 दिसंबर को होगी।
निर्वाचन आयोग की वकील मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा कि आपराधिक मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद सांसदों और विधायकों पर आजीवन प्रतिबंध लगाना चाहिए।
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