नई दिल्लीः जम्मू एवं कश्मीर के छात्रों के लिए राज्य के बाहर उच्चतर शिक्षा ग्रहण करने के लिए शुरू की गई विशेष छात्रवृत्ति योजना इस वर्ष बेशुमार प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। इसकी वजह यह है कि इस वर्ष मई के महीने में कुपवाड़ा, अनंतनाग, श्रीनगर, पुलवामा, जम्मू, डोडा, राजौरी, कठुआ, कारगिल एवं लेह में जागरूकता कार्यशालाओं का आयोजन किया गया था।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि ‘इस योजना में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लाई गई पारदर्शिता और इन 10 जागरूकता कार्यशालाओं के आयोजन से इस वर्ष जम्मू एवं कश्मीर के छात्रों के लिए विशेष छात्रवृत्ति योजना बेहद आकर्षक रही है। जम्मू एवं कश्मीर के 5,000 से अधिक छात्रों ने इस छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया था।’ उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर इस वर्ष इस योजना के तहत 75 करोड़ रुपये के बराबर की छात्रवृत्तियां प्रदान की गई हैं।
इससे पहले इंजीनियरिंग कॉलेजों में जम्मू एवं कश्मीर के छात्रों के लिए कोटा केवल 250 तक सीमित था, लेकिन इस वर्ष 1430 छात्रों को विभिन्न विख्यात इंजीनियरिंग कॉलेजों में नामांकन दिया गया। ऐसा पहली बार विभिन्न इंजीनियरिंग शाखाओं में पूरक कोटा को दो से बढ़ाकर दस किए जाने के द्वारा हुआ, अथार्त प्रत्येक इंजीनियरिंग कॉलेज में निर्धारित संख्या के ऊपर जम्मू एवं कश्मीर के छात्रों के लिए दस सीटों का कोटा किया गया। इस वर्ष इस विशेष छात्रवृत्ति योजना में होटल प्रबंधन एवं नर्सिंग को भी शामिल किया गया। जहां 15 छात्रों को विख्यात होटल प्रबंधन संस्थानों में दाखिला दिया गया। 284 छात्र-छात्राओं ने विभिन्न विख्यात नर्सिंग कॉलेजों में नामांकन प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त जम्मू एवं कश्मीर के 177 छात्रों ने मेडिकल कॉलेजों में अपनी खुद की प्रतिभा के बल पर नामांकन प्राप्त किया। साधारण वर्ग में 1014 छात्रों को नामांकन मिला। कुल मिलाकर इस वर्ष जम्मू एवं कश्मीर के छात्रों को 3584 छात्रवृत्तियां प्रदान की गईं, जिनमें से 1329 छात्र कश्मीर घाटी के, 26 लद्दाख के एवं 2255 जम्मू के थे।
इस विशेष छात्रवृत्ति योजना के तहत एक लाख 25 हजार रुपये तक के ट्यूशन फीस तक का निर्वहन केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है, जबकि एक लाख रुपये तक की राशि छात्रों को छात्रावास एवं खाने के शुल्कों के लिए दी जाती है। सामान्य पाठ्यक्रमों के लिए 30,000 रुपये तक की ट्यूशन फीस केंद्र सरकार द्वारा अदा की जाती है तथा एक लाख रुपये तक की राशि छात्रावास एवं भोजन शुल्कों के लिए दी जाती है।
ट्यूशन फीस संस्थानों को प्रत्यक्ष रूप से हस्तांतरित कर दी जाती है, जिससे कि जब छात्र नामांकन के लिए कॉलेज में जाए तो कॉलेज एकेडमिक फीस जमा करने पर जोर न दे। एक लाख रुपये तक का छात्रावास एवं भोजन भत्ता डीबीटी के जरिए छात्रों के खातों में हस्तांतरित कर दिया जाता है।
सामान्य से अधिक सीटों के आवंटन के लिए केंद्रीकृत परामर्श का संचालन 26 जुलाई एवं 3 अगस्त, 2016 के बीच श्रीनगर एवं जम्मू में एक ही साथ किया गया। इस छात्रवृत्ति योजना का लाभ उठाने के लिए जम्मू एवं कश्मीर के छात्रों का अपनी 12वीं कक्षा का जम्मू एवं कश्मीर से उत्तीर्ण होना अनिवार्य है एवं उसके परिवार की आय सालाना छह लाख रुपये से कम होनी चाहिए।
2014-15 के शैक्षणिक वर्ष में, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने छात्रवृत्ति आवेदन एवं संवितरण की प्रक्रिया को युक्तिसंगत बनाने के लिए एक पारदर्शी प्रणाली शुरू की। प्रौद्योगिकी के उपयोग से प्रक्रिया की पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित कर दी गई है। छात्रों को अपनी छात्रवृत्ति के दावे की प्रोसेसिंग के लिए अपने कागजातों को http://aicte-jk-scholarship.in/ वेबसाइट पर अपलोड करने की आवश्यकता है।
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