देहरादून: ऐसे उच्चीकृत किए गए जूनियर हाई स्कूल जहां पर्याप्त छात्र संख्या हो, का संचालन पृथक से किया जाएगा। अर्थात जूनियर हाई स्कूल व हाई स्कूल का अलग-अलग संचालन किया जाएगा।
जिनमें पर्याप्त संख्या में छात्र नहीं होंगे वहां के अध्यापकों को समायोजित किया जाएगा और आवश्यक होने पर नोशनल प्रमोशन की व्यवस्था रखी जाएगी। सोमवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत की अध्यक्षता में विद्यालयी शिक्षा विभाग व प्राथमिक शिक्षा संघ की बैठक में अनेक बिंदुओं पर सहमति व्यक्त की गई।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षकों की प्रत्येक वाजिब मांग को मानने के लिए तैयार है परंतु शिक्षकों को भी अपने दायित्वों को भी समझना होगा। गुणात्मक शिक्षा को लेकर किसी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता है। उन्होंने निदेशक, विद्यालयी शिक्षा सेंथिल पांडियन को स्कूलों के औचक निरीक्षण बढ़ाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सत्रांत लाभ स्वतः ही प्रदान किया जाए। यदि कोई सत्रांत लाभ नहीं लेना चाहता है तो उसे द्वारा सत्रांत लाभ लेने से लिखित में इंकार करना होगा। एसएसए के लिए वेतन की व्यवस्था बैंक की बजाय ट्रेजरी से की जाए ताकि ट्रेजरी कोड मिलने पर उन्हें जीपीएफ मिलने में सुविधा हो। सीएम ने राष्ट्रीय व राज्य पुरस्कारों से सम्मानित शिक्षकों को एक अतिरिक्त इंक्रीमेंट देने के भी निर्देश दिए। बीआरसी के मूल्यांकन के लिए चार लोगों की समिति बनाई जाए जिसमें दो विभागीय अधिकारी व दो लोग प्राथमिक शिक्षक संघ से होंगे।