देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शिक्षा विभाग से विद्यालयी शिक्षा में गुणवत्ता के विकास पर विशेष ध्यान देने को कहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में इस दिशा में विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने निर्देश दिए कि बेसिक स्कूलों के बच्चों की शिक्षा की विशेष व्यवस्था हो सकें, इसके लिए 1 से 3 तक की कक्षाओं के संचालन में आंगनबाड़ी का भी सहयोग लिया जाए। यहा पर बच्चों की शिक्षा के साथ ही स्वास्थ्य आदि पर भी ध्यान दिया जाए। इसके लिए शिशुमाता की भी व्सवस्था की जाय।
उन्होंने कहा कि प्राइमरी शिक्षा की बेहतर व्यवस्था के लिये प्रत्येक ब्लाॅक में 5-5 विद्यालयों को प्रयोग के तौर पर मिनी राजीव गांधी नवोदय विद्यालय की तर्ज पर संचालित किया जाए। इनमें अंग्रेजी सहित अन्य विषयों के कम से कम 5 अच्छे अध्यापकों की तैनाती सुनिश्चित की जाय। सरकारी स्कूलों में अधिक से अधिक बच्चे पढ़े, इसके लिए यह पहल आवश्यक है। इन विद्यालयों में सफाई, शौचालयों, पेयजल व स्वास्थ्य सुविधाओं की भी व्सवस्था की जायेगी।
मंगलवार को देर रात विद्यालयी शिक्षा की समीक्षा के दौरान उन्होंने यह निर्देश देते हुए निदेशक बेसिक शिक्षा का इसके लिये शीघ्र प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करने को कहा। यह व्यवस्था यदि कारगर हुई तो इसमें और अधिक स्कूलों को शामिल किये जाने पर विचार किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि यह प्रयास हो कि लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाने के लिए आगे आये इसके लिए शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए। शिक्षको के साथ निरन्तर संवाद कायम रखा जाए। लोगों का भी इसमें सहयोग लिया जाए। स्कूलों में यदि अच्छी पढ़ाई होगी तो लोगों का सहयोग भी मिलेगा और वे अपने बच्चों को निजि स्कूलों के बजाय सरकारी स्कूलों में पढ़ाने के लिए प्रेरित होंगे।