चंड़ीगढ़: पंजाब सरकार ने राज्य में भारी बारिश के मद्देनजर सोमवार को ‘रेड अलर्ट’ जारी किया और जिला प्रशासन से सतर्कता बनाए रखने की अपील की। सरकार ने सभी जिलों से सतर्क रहने के लिए कहा है। इस बीच हिमाचल के बाद सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य में भारी और लगातार बारिश के मद्देनजर स्कूल और कॉलेज को बंद रखने का आदेश जारी किया। इसके साथ ही सीएम ने पिछले 4 दिनों से भारी बारिश के कारण राज्य में फसलों के नुकसान का आकलन करने की घोषणा की है। सीएम ने खाद्य और नागरिक आपूर्ति व पशुपालन मंत्रियों से भी प्रभावित लोगों को खाद्य पैकेट के वितरण और जानवरों के लिए सूखे चारा के वितरण के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने के लिए कहा है।
सरकार ने सेना को भी तैयार रहने के निर्देश दिए
सरकार ने सेना को भी तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। सीएम अमरिंदर सिंह ने बारिश को देखते हुए लोगों से 24 घंटों तक घर से ना निकलने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि जब तक बहुत जरूरी काम ना हो तो तब तक घर से बाहर ना निकलें। राज्य सरकार ने जिलों को जारी अपने निर्देश में बारिश से होने वाले जल जमाव की निकासी की व्यवस्था करने के लिए कहा है। नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को बाढ़ से निकालने के लिए पर्याप्त नावों की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है। पंजाब में बेमौसमी बरसात ने विशेष रूप में धान की फसल और गन्ने की फसल को प्रभावित किया है।
चंडीगढ़ के सुखना झील में पानी खतरे के निशान से ऊपर पहुंची
बता दें कि, पंजाब में पिछले दो दिनों से बारिश हो रही है और सोमवार को भी मूसलाधार बारिश हुई। पंजाब की अधिकांश नदियों का जल स्तर काफी तेजी से बढ़ रहा है। राज्य सरकार ने नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर चले जाने के निर्देश दिया है। चंडीगढ़ के सुखना झील में पानी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। झील के दरवाजे खोल दिए गए हैं। पानी का स्तर 1163 फुट से ऊपर पहुंचने पर सोमवार को बीते 10 साल में पहली बार झील के दरवाजे खोले गए। राज्य सरकार ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों एवं जलनिकासी कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं।
हिमाचल में भी बिगड़े हालात
उधर हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश के कारण ‘हाई अलर्ट जारी किया है। अधिकारियों ने बताया कि कांगड़ा, चंबा, कुल्लू और मंडी जिलों सहित अन्य स्थानों पर निचले इलाकों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। उनसे सतर्क रहने को भी कहा जा रहा है, क्योंकि नदियों और नालों में जल स्तर बढ़ रहा है। कुल्लू-मनाली-रोहतांग-लेह, हिंदुस्तान-तिब्बत मार्ग, शिमला-रोहड़ू, नाहन-शिमला, चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे स्वारघाट के समीप और चंबा-पठानकोट एनएच तीन जगहों और पठानकोट-मंडी एनएच पर भूस्खलन के चलते यातायात के लिए अवरुद्ध पड़ गया। इसके अलावा प्रदेश भर में करीब 300 छोटी-बड़ी सड़कें बंद हैं।