नई दिल्ली: भारतीय विज्ञान कांग्रेस (आईएससी) के एक भाग के रूप में 9वें महिला विज्ञान कांग्रेस (डब्ल्यूएससी) का आयोजन यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज, बेंगलूरू में किया गया। कार्यक्रम में महिला वैज्ञानिकों की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए युवा महिलाओं को विज्ञान में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया गया, ताकि वे विज्ञान और प्रौद्योगिकी की मदद से विभिन्न समस्याओं के लिए सरल समाधान ढूंढ सकें।
डीआरडीओ की विमान प्रणाली की महानिदेशक डॉ.टेसी थॉमस ने मेरी क्यूरी, कादम्बिनी गांगुली, राजेश्वरी चटर्जी और किरण मजूमदार शॉ जैसी प्रख्यात महिला वैज्ञानिकों के असाधारण योगदान तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी की सहायता से देश के विकास में उनकी भागीदारी को रेखांकित किया।
उन्होंने युवा महिलाओं को विख्यात महिला वैज्ञानिकों के अदम्य साहस से सीख लेने की प्रेरणा दी, जिन्होंने विज्ञान में योगदान देने के लिए कई अवरोधों का सामना किया।
कार्यक्रम का उद्घाटन 5 जनवरी को यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज, बेंगलूरू में किया गया था। कार्यक्रम में महिलाओं के लिए विज्ञान का अध्ययन करने में आने वाले अवरोधों को दूर करने के लिए विभिन्न अवसरों को रेखांकित किया गया।
कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग तथा आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्र ने कहा कि महिलाओं को राष्ट्रीय विकास की मुख्यधारा में लाए जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि बालिकाओं को घर, स्कूल और कॉलेज स्तर पर प्रेरित किया जाना चाहिए। लड़के और लड़कियों में भेदभाव को समाप्त करने की जरूरत है। महिला विज्ञान कांग्रेस को इन स्थितियों पर विचार-विमर्श करना चाहिए और इस संबंध में अनुशंसाएं देनी चाहिए।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की वैज्ञानिक ‘जी’ डॉ.नमिता गुप्ता ने महिलाओं के लिए विभाग की योजनाओं का ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में महिलाएं किरण जैसी महिला केंद्रित योजनाओं के लिए आवेदन कर रही हैं और लाभ उठा रही हैं।
किरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के द्वारा विशेष रूप से महिलाओं के लिए बनाई गई योजना है। इस योजना में लैंगिक समानता पर विशेष बल दिया गया है। योजना के विभिन्न घटक महिला वैज्ञानिकों के कैरियर में आने वाले विभिन्न मुद्दों से संबंधित हैं। महिला वैज्ञानिक योजना-ए (डब्ल्यूओएस-ए), महिला वैज्ञानिक योजना-बी (डब्ल्यूओएस-बी) जैसे घटक विभिन्न मुद्दों (पारिवारिक जिम्मेदारी के कारण कैरियर में बाधा, स्वरोजगार, अंशकालिक नौकरी, एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना आदि) के बारे में हैं।
महिला विज्ञान कांग्रेस प्रतिभागियों के लिए अपने अनुभव साझा करने का एक महत्वपूर्ण मंच है। 107वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस का यह एक मुख्य कार्यक्रम था। भारतीय विज्ञान कांग्रेस का उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 3 जनवरी, 2020 को किया था।
प्रख्यात महिला वैज्ञानिक इस दो दिवसीय कार्यक्रम में अपने कार्यों के बारे में जानकारी दे रही हैं और साथ ही युवा महिलाओं में विज्ञान की रूचि विकसित करने के लिए व्याख्यान भी दे रही हैं।