लखनऊः शासन के निर्देश पर लापता बच्चों की खोज एवं बचाव हेतु पूर्व में चले ‘‘आपरेशन स्माइल’’ की तर्ज पर इस माह पहली जुलाई से 31 जुलाई तक एक विशेष अभियान ‘‘आपरेशन मुस्कान’’ के नाम से पूरे प्रदेश में चलाया जा रहा है। गृह मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देश पर इसी प्रकार का अभियान पूरे देश में भी चल रहा है।
गाजियाबाद पुलिस द्वारा इस दिशा मे पूर्व में किये गये प्रयासो की गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा न केवल सराहना की गई थी अपितु उनके अभियान की सफलता को देखते हुए एक माह का विशेष अभियान पूरे देश में 1 जनवरी से 31 जनवरी 2015 तक चलाये जाने के निर्देश भी दिये गये थे। उत्तर प्रदेश में जनवरी 2015 में चले इस एक माह के विशेष अभियान में 855 बच्चों को खोज निकाला गया था, जिसमे सर्वाधिक उपलब्धि मेरठ जोन की रही, उसमें भी गाजियाबाद जिला पहले नंबर पर रहा था जहां 326 बच्चे खोजे गये थे।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व श्री धर्मेन्द्र सिंह वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गाजियाबाद के द्वारा गुमशुदा बच्चोें की तलाश हेतु विगत 23 सितम्बर से 24 अक्टूबर, 2014 तक एक माह का विशेष अभियान ‘’आपरेशन स्माइल’’ के नाम से चलाया गया था, जिसके दौरान विभिन्न राज्यों के निवासी एवं अपने घरों से बिछड़े 227 बच्चों को खोज निकाला गया था।
प्रमुख सचिव गृह श्री देबाशीष पण्डा ने उक्त जानकारी देते हुए आज यहां बताया कि गाजियाबाद जिले मे इस अभियान के तृतीय चरण में पहली जुलाई से अब तक 14 दिन की अवधि मे कुल 368 बच्चे गाजियाबाद पुलिस द्वारा खोजेे जा चुके है। इस अभियान में विगत 14 जुलाई को 21 बच्चे खोजेे गये जो जनपद फतेहपुर, कुशीनगर, एटा, हरदोई, बुलन्दशहर, बाराबंकी के अलावा दिल्ली के विभिन्न स्थानो तथा बिहार के देहरी ,रोहतार, भागलपुर, खगदिया, बिगूशाही व झारखण्ड के रहने वाले है। गाजियाबाद पुलिस द्वारा इसी प्रकार की कार्यवाही का सिलसिला जारी है तथा देश के विभिन्न स्थानों से बच्चो की बरामदगी के निरन्तर प्रयास किये जा रहे है।
श्री देबाशीष पण्डा ने बताया इस संबंध में शासन द्वारा जारी निर्देशों मे कहा गया है कि अभियान के दौरान सभी जिलों के शेल्टर होम्स, प्लेटफार्म, बस स्टेशनों, सड़कों एवं अन्य विभिन्न स्थानों आदि पर मिलने वाले बच्चों के सम्बन्ध मे प्रशिक्षित पुलिस कर्मियों द्वारा गहन छानबीन व आवश्यक सूचना संकलित की जाये। जो बच्चे लापता या गुमशुदा की श्रेणी मे पाये जायें, उनके बारे मे एक निर्धारित प्रपत्र पर सभी जरूरी सूचनायें संकलित की जायें, जिसमे उस बच्चे का चित्र भी शामिल होगा। इस कार्यवाही मंे आवश्यकतानुसार वीडियो रिकार्डिंग भी करायी जाये।
श्री पण्डा ने बताया कि इस अभियान के तहत मिले बच्चों का सम्पूर्ण विवरण सम्बन्धित राज्यों द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग के ’’मिसिंग चाइल्ड’’ पोर्टल पर अपलोड कराये जाने के निर्देश दिये गये है। साथ ही इस अभियान के तहत मिले बच्चों का विवरण इलेक्ट्रानिक एवं प्रिन्ट मीडिया के माध्यम से भी प्रचारित-प्रसारित कराये जाने के भी निर्देश दिये गये है, ताकि उनके माता पिता, आश्रित एवं सम्बन्धित थानों की पुलिस को जानकारी हो सके।