15.6 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

माध्यमिक शिक्षा विभाग ने छात्रों एवं अभिभावकों के हित में लिया फैसला: दिनेश शर्मा

उत्तर प्रदेश

प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने कोरोना वायरस (कोविड-19) के कारण उत्पन्न असाधारण परिस्थितियों के दृष्टिगत छात्रों और अभिभावकों के हित में शैक्षिक सत्र 2020दृ21 में विद्यालयों द्वारा शुल्क वृद्धि ना किए जाने के निर्देश दिए हैं। लॉकडाउन के कारण कुछ छात्रदृछात्राओं के अभिभावकों के रोजगार भी प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुए हैं तथा ऐसे छात्रों के अभिभावकों को शुल्क जमा किए जाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसी को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने माध्यमिक शिक्षा विभाग को यह निर्देश दिया है।
उप मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा, श्रीमती आराधना शुक्ला ने समस्त जिलाधिकारी तथा माध्यमिक शिक्षा निदेशक को जारी पत्र के माध्यम से निर्देश दिया है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के दृष्टिगत लॉकडाउन के कारण उत्पन्न आपात परिस्थितियों के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश में संचालित समस्त बोर्डों यथा उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) भारतीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (आई०सी० एस० ई०), इंटरनेशनल बेक्कलॉरेट (आई० बी०) और इंटरनेशनल जनरल सर्टिफिकेट आफ सेकेंडरी एजुकेशन (आई० जी० सी० एस० ई०) के द्वारा शैक्षणिक सत्र 2020दृ21 के लिए शुल्क में वृद्धि नहीं की जाएगी तथा शैक्षणिक सत्र 2019दृ20 में नए प्रवेश तथा प्रत्येक कक्षा हेतु बताए गए शुल्क संरचना के अनुसार ही शैक्षणिक सत्र 2020दृ21 में छात्रध्छात्राओं से शुल्क लिया जाएगा। यदि किसी विद्यालय द्वारा शैक्षणिक सत्र 2020दृ21 में शुल्क वृद्धि करते हुए बढ़ी हुई दरों से शुल्क लिया जा चुका है तो बढ़ी हुई अतिरिक्त शुल्क को आगामी महीनों के शुल्क में समायोजित किया जाएगा।
उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा इससे पहले छात्रों एवं अभिभावकों के हित में यह भी निर्देश जारी किया गया था कि कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण आपदा की अवधि में विद्यालयों द्वारा मासिक आधार पर शुल्क लिया जाए। किसी छात्र या अभिभावक को 03 माह की अग्रिम शुल्क जमा करने के लिए बाध्य नहीं किया जाए। विद्यालय द्वारा चलाई जा रही ऑनलाइन पढ़ाई में किसी विद्यार्थी को वंचित न किया जाए और न ही शुल्क जमा न किए जाने के कारण किसी विद्यार्थी का नाम काटा जाए। विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश का अनुपालन किए जाने में शिथिलता बरते जाने पर उत्तर प्रदेश स्ववित्त पोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क निर्धारण) अधिनियम- 2018 के अंतर्गत गठित जिला शुल्क नियामक समिति के समक्ष छात्रों और अभिभावकों द्वारा शिकायत प्रस्तुत की जा सकती है।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More