देहरादून: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी विभिन्न राज्यों के दौरे पर है। दौरे का मकसद राज्यों की गतिविधियों की जानकारी लेना और विदेश के अनुभवों को साझा करना है। इसी सिलसिले में गुरूवार को सचिवालय में नेपाल, थाइलैंड और मेडागास्कर के राजदूतों ने मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह से मुलकात की।
नेपाल में भारत के राजदूत रंजीत रे ने जल विद्युत परियोजनाओं और पर्यटन विकास के बारे में सुझाव दिये। उन्होने यह भी कहा कि सीमांत जनपद के दोनों देशों के अधिकारियों की नियमित बैठकें होनी चाहिए। विकास योजनाओं के साथ-साथ संस्कृतियों का भी आदान-प्रदान किया जा सकता है। भारत-नेपाल के सहयोग से उत्तराखण्ड सीमा पर प्रस्तावित 5600 मेगावाट की पंचेश्वर बांध परियोजना की प्रगति के बारे में भी उन्होने चर्चा की। इस मामले में नेपाल का सकारात्मक रूख है। श्री रे ने बताया कि उत्तराखण्ड में पर्यटन विकास की अपार संभावनाए है। घरेलू पर्यटकों के साथ-साथ विदेशी पर्यटकों को भी आकर्षित किया जा सकता है। थाईलैंड के राजदूत भगवंत सिंह विश्नोई ने कहा कि राज्य में पर्यटन और अन्य उद्यमों में ज्यादा से ज्यादा एफडीआई आ सकती है। इसमें उत्तराखंड को उसका हिस्सा मिलेगा। उन्होंने थाईलैंड में रोड शो करने के लिए आमंत्रित किया। राज्य में पूंजी निवेश अनुकूल वातावरण के बार में शो केसिंग की जा सकती है। थाईलैंड उत्तराखण्ड की फार्मा इंडस्ट्री में सहयोग कर सकता है। मेडागास्कर के राजदूत और उत्तराखंड के मूल निवासी सीबी थपलियाल ने सुझाव दिया कि कनाडा, अमरीका, ब्रिटेन सहित अन्य देशों में उत्तराखंड के उद्योगपति हैं। उन्हे उत्तराखंड में पूंजी निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। श्री थपलियाल ने उत्तराखंड में पवन ऊर्जा की संभावनाओं पर भी चर्चा की।
मुख्य सचिव ने बताया कि उत्तराखंड में अनुकूल औद्योगिक वातावरण है। सिंगल विंडो सिस्टम में आनलाइन क्लियरेंस हो रही है। विदेशी पूंजी निवेश को आकर्षित करने के लिए लिए जल्द ही ‘इंवेस्ट उत्तराखंड’ का आयोजन किया जायेगा। इससे पहले विभागीय सचिवों ने अपने-अपने विभाग के प्रगति में जानकारी दी। बताया कि उत्तराखंड में आटोमोबाईल, खाद्य प्रस्संकरण, फार्मा, हैडलूम, हथकरघा, आयुर्वेद सम्बंधी अद्योगों के स्थापना की अपार संभावनाएं हैं।