देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जिलाधिकारियों से अगले तीन दिनों में भारी वर्षा के अलर्ट के अनुरूप अपनी तैयारियां पुख्ता करने के निर्देश दिए हैं। शनिवार को सचिवालय में वीसी के माध्यम से मुख्यमंत्री ने भारी वर्षा की स्थिति का सामना करने के लिए जिलों में की गई तैयारियों की समीक्षा की।
सीएम ने जिलों को जोन व सेक्टर में विभाजित कर वहां अधिकारियों की तैनाती करने के निर्देश दिए। जो भी अधिकारी अपने कर्तव्यों के निर्वहन में शिथिलता बरते, उस पर सख्त कार्यवाही की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा मार्ग पर तो विशेष ध्यान रखना ही है, इस बार अलर्ट पौड़ी, अल्मोड़ा, चम्पावत, बागेश्वर, ऊधमसिंहनगर के लिए है, इसलिए इन जिलों में विशेष सतर्कता बरती जाए। जिलाधिकारी अपनी तैयारियां पूर्ण रखें परंतु यह भी सुनिश्चित किया जाए कि लोगों में किसी प्रकार की घबराहट न हो। कही भी कोई घटना होने पर सबसे पहले जिला प्रशासन के लोगों को पहुंचना चाहिए। भूस्खलन से या पुल बहने से बाधित मार्ग को अविलम्ब खोला जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रमुख मार्गों पर भूस्खलन की दृष्टि से संवदेनशील स्थान चिन्हित कर वहां जेसीबी मशीन, आदि की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाए। ताकि कम से कम समय में बाधित मार्ग को पुनः खोला जा सके। कम्यूनिकेशन की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। इसके लिए आवश्यक संख्या में डीएसपीटी समुचित स्थानों पर लगा लिए जाएं। चारधाम यात्रा मार्ग पर सतर्कता बरती जाए। रात में यात्रियों का मूवमेंट न हो। यह हरहाल में सुनिश्ति कर लिया जाए कि मार्ग बाधित होने की स्थिति में हमारे अधिकारी यात्रियों के निरंतर सम्पर्क में हों। यात्रियों को ठहराने के लिए चिन्हित किए गए स्थानों पर भोजन, पीने का पानी, ईंधन आदि पर्याप्त मात्रा में हों। सभी जिलाधिकारी यह सुनिश्चित कर लें कि दूसरे अधिकारियों द्वारा सेक्टर मजिस्ट्रेट के निर्देशों की पालना की जाए। यह बताए जाने पर कि बागेश्वर के डीएम मेडिकल लीव पर हैं, मुख्यमंत्री ने कुमायूं के मंडलायुक्त को बागेश्वर जाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी चमोली को अगले दो तीन दिन जोशीमठ में कैम्प करने के निर्देश दिए गए। आईटीबीपी व एसएसबी से समन्वय बनाए रखा जाए। डीएम पिथौरागढ़ कैलाश मानसरोवर यात्रा के दल के मूवमेंट पर नजर बनाए रखें। डीएम पौड़ी हर ब्लाॅक में सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात कर दें। हरिद्वार व ऊधमसिंहनगर के जिलाधिकारी नदियों की स्थिति पर नजर रखें और निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए हर प्रकार से तैयार रहें। सिंचाई विभाग सेंडबेग आदि की व्यवस्था रखें।
वीसी में सभी जिलाधिकारियों द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील स्थान चिन्हित कर लिए गए हैं। वहां पर्याप्त संख्या में जेसीबी, पोकलैण्ड, डोजर आदि मशीने व अभियंताओं सहित कार्मिक तैनात किए गए हैं। जिलों को सेक्टरों में विभाजित कर लिया गया है और वहां जिम्मेवार अधिकारी तैनात किए गए हैं। वुडकटर, टाॅर्च, रस्सी, कुदाल आदि उपकरणो की व्यवस्था कर ली गई है। अनेक स्थान चिन्हित कर वहां राशन, ईंधन अािद स्टोर कर लिया गया है। कम्यूनिकेशन सुनिश्चित करने के लिए सैटेलाईट फोन, डीएसपीटी आदि लगा लिए गए हैं।
वीडियों कान्फ्रेंसिंग में अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, एस राजू, सचिव आनंदवर्धन, मण्डलायुक्त गढ़वाल सीएस नपलच्याल, सचिव आपदा प्रबंधन आर मीनाक्षी सुंदरम, अपर सचिव अरविंद हयांकि, आई जी गढ़वाल संजय गुन्ज्याल सहित सभी जिलों के जिलाधिकारी व अन्य अधिकारी मौजूद थे।