देहरादून: मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुँचाने हेतु इसमें आशा फेसिलिटेटर को भी शामिल किया जाए। आशा फेसिलिटेटर और ए.एन.एम को इसके लिये विशेष प्रशिक्षण दिया जाए। हाई रिस्क प्रेग्नेंसी के मामलों को कम करने के लिये मदर-चाईल्ड ट्रैकिंग सिस्टम तैयार किया जाए।
सचिवालय में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिये कि दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार लाने हेतु ए.एन.एम एवं आशाओं को विशेष प्रशिक्षण दिया जाए। महिलाओं में एनिमिया, ल्यूकोरिया एवं आयरन की कमी को दूर करने के लिए अभियान चलाया जाए। उन्होंने 108 आपातकालीन सेवाओं में बेहतर बनाने के लिये प्रयास करने को कहा। उन्होंने कहा कि इसमें बजट की कमी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने दूरस्थ क्षेत्रों में जननी मृत्यु दर को कम करने के लिए और हाई रिस्क प्रेग्नेंसी में सुधार लाने हेतु मदर-चाइल्ड टैªकिंग सिस्टम तैयार करने को कहा। उन्होंने कहा कि इसमें महिलाओं का पूरा डेटाबेस तैयार किया जाए।
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री सुरेन्द्र नेगी, मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, अपर मुख्य सचिव एस. रामास्वामी, प्रमुख सचिव ओम प्रकाश, सचिव अमित नेगी सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।
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