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सचिवालय संघ की स्मारिका ‘‘निशांत’’ का विमोचन करते हुए: मुख्यमंत्री हरीश रावत

उत्तराखंड
देहरादून: सचिवालय मीडिया सेंटर हाल में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखण्ड सचिवालय संघ की स्मारिका ‘‘निशांत’’ का विमोचन किया।  मुख्यमंत्री श्री रावत ने स्मारिका के नाम ‘‘निशांत’’  के अर्थ ‘‘नया सवेरा या जो कभी थके नही’’ के सन्दर्भ में सचिवालय कर्मचारियों से अपेक्षा की कि वह सभी निशांत की भांति अर्थात बिना थके, स्वच्छ भावना से कार्य करें।

सरकार की मशीनरी होने के कारण सचिवालय कर्मचारियों की कार्यक्षमता का समस्त राज्य के विकास पर स्वाभाविक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि कर्मचारियों के सेवा सम्बधित सभी मु़द्यों का शीघ््रा समाधान किया जायेगा। इस संबंध में मुख्य सचिव तथा सचिव प्रशासन को निर्देश दिये गये है। साथ ही कहा कि ढांचे में सुधार संबंधित प्रश्न शीघ्र हल किये जायेंगे। इसके लिये समय सीमा निर्धारित कर दी गयी है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने हाल की दो रिर्पोटों विश्व बैंक तथा एक स्वय सेवी संस्था का संदर्भ देते हुए कहा कि विश्व बैंक के अनुसार सचिवालयों के कार्य दक्षता का मूल्यांकन किया गया। निवेश के वातावरण की दृष्टि से उत्तराखण्ड 23वें स्थान पर है, जो स्वाभाविक रूप से चिन्ता का विषय है। यह हमारी धीमी कार्यशैली का सूचक है। उन्होंन कहा कि उत्तराखण्ड छोटा राज्य है अर्थात त्वरित निर्णय प्रक्रिया, तीव्र कार्य क्षमता, तीव्र विकास, सभी के लिये अच्छा बेहतर निवेश वातावरण। छोटे राज्य का अर्थ मात्र शीघ्र पदोन्नति या सभी को मंत्री पद मिलना नही है। उन्होंने कहा कि एक स्वयं सेवी संस्था द्वारा उत्तराखण्ड को उत्पादकता के संदर्भ में 18वें स्थान पर रखा गया है जबकि उत्तर प्रदेश को 17वां स्थान दिया गया है यह भी एक चिन्ता का विषय है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कर्मचारियों का आह्वान किया कि वे अपनी कार्य संस्कृति तथा कार्य दक्षता सुधारते हुए राज्य की रेटिंग सुधारने के लिये कार्य करंे। उन्होंने कहा कि कार्मिकों की समस्याओं पर सरकार सकारात्मक रूप से विचार कर रही है। सभी को कार्यप्रणाली में सुधार लाते हुए राज्य के विकास के लिए एकजुट होकर कार्य करना होगा।  उन्होंने कहा कि राज्य की 30 प्रतिशत आबादी की प्रति व्यक्ति आय 30000 से कम है। उन्होंने कहा कि सभी को प्रतियोगी बनना होगा। सातवें वेतन आयोग आने वाला है, यदि ग्रेड पे के संदर्भ में कोई भी अव्यवहारिक निर्णय लिया गया तो यह भविष्य के लिये चुनौतीपूर्ण होगा तथा भविष्य में नियमित वेतन देना भी कठिन हो जायेगा। राज्य सरकार को मात्र वेतन भुगतान के लिये 1000 करोड़ रूपये की आय वृ़िद्ध करनी है। मुख्यमंत्री ने कहा की ऐसी कोई समस्या नही है, जिसका समाधान सवंाद से सम्भव न हो। मुख्यमंत्री ने स्मारिका के सुझावों को एकांकी बताते हुए कहा की हमे समन्वयकारी कार्य संस्कृति को प्रोत्साहित करना होगा। आपस की दूरियों को समाप्त करते हुए एक ही पत्रावली मेे विरोधाभासी टिप्पणीयों से बचना चाहिये। उन्होंनें संघ की मांगोे के सन्दर्भ में आश्वासन दिया गया कि एक टीम गठित करके इनका मूल्याकंन तीन माह के भीतर करवाया जायेगा।

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