देहरादून: मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने चारधाम की सड़कों के निर्माण के लिए सभी औपचारिकताएं 4 सितम्बर तक पूर्ण करने के निर्देश दिए है। टाईम फ्रेम तय करते हुए मुख्य सचिव ने संबंधित जिलाधिकारियों से कहा है कि सर्वोच्च प्राथमिकता के इस कार्य में किसी भी स्तर पर शिथिलता बर्दास्त नही की जायेगी। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण, फारेस्ट क्लियरेंस, फारेस्ट राइट एक्स (एफआरए) प्रमाण पत्र सहित सभी औपचारिकताएं हर हाल में 4 सितम्बर, 2016 तक पूर्ण कर ली जाए। मुख्य सचिव ने ये निर्देश मंगलवार को सचिवालय में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ जिलाधिकारियों से वीडियों कांफ्रेंसिंग के दौरान दिए।
बैठक में बताया गया कि मिनिस्ट्री आफ रोड ट्रांसपोर्ट एण्ड हाईवेज (मार्थ) द्वारा चारधाम की सड़कों के सुधारीकरण, चैड़ीकरण का कार्य किया जाना है। 889 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण में 225 किमी टिहरी जनपद में पड़ता है। ऋषिकेश-रूद्रप्रयाग और ऋषिकेश-धरासू बैण्ड का निर्माण इसके अंतर्गत है। बताया गया कि ऋषिकेश बाईपास में भूमि अधिग्रहण का कार्य अंतिम चरण में है। मुनि की रेती से कीर्तिनगर तक फारेस्ट क्लियरेंस होना है। साकनीधार में लैण्डस्लाइड ट्रीटमेंट के लिए एफआरए प्रमाण पत्र दिया जाना है। देवप्रयाग में सुरक्षा दीवार का निर्माण होना है। इसके अलावा पौड़ी जनपद में 21.62 किमी, रूद्रप्रयाग में 110.33 किमी, चमोली में 144 किमी, उत्तरकाशी में 102.50 किमी, चम्पावत में 86 किमी, पिथौरागढ़ में 31 किमी और देहरादून में 1.527 किमी सडकों के निर्माण के लिए सभी औपचारिकताएं अंतिम चरण में है। मार्थ के ओ.पी.श्रीवास्तव ने बताया कि इन मार्गों पर पड़ने वाले भवनों, पाइप लाइन, पोल आदि शिफ्ट करने के लिए 74 करोड़ रूपये स्वीकृत हो गये है। (काम्पीनेंट एथार्टी फार लैण्ड एक्वीजीशन) को कार्य में तेजी लाने के लिए मानव संसाधन, गाड़ी और अन्य व्यय का वहन किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि इस वर्ष 5000 करोड़ रूपये चारधाम की सड़को के लिए दिया जायेगा।
बैठक में अपर मुख्य सचिव एस.रामास्वामी, पीसीसीएफ महाजन, सचिव लो.नि.वि. डी.एस.गब्र्याल, सदस्य सचिव प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड विनोद सिंहल, अपर सचिव वन मीनाक्षी जोशी, परियोजना निदेशक चारधाम यात्रा मार्ग पंकज मौर्य सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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