देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गुरूवार देर सांय सचिवालय में वीडियों कांफ्रेसिंग के माध्यम से जिला अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम योजना, मेरा गांव मेरी सड़क योजना व ग्रामीण अभियंत्रण विभाग द्वारा संचालित ग्रामीण सड़क योजना की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम योजना को जल्द से जल्द क्रियान्वित किया जाय। इसके लिए सी.डी.ओ. को नोडल अधिकारी बनाया जाय। योजना के तहत बड़े जनपदों में प्रत्येक ब्लाॅक से दो गांव तथा जनपद रूद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, बागेश्वर, पिथौरागढ़, जैसे छोटे जिलों के प्रत्येक ब्लाॅक से चार गांव चिन्हित किये जाय। चिन्हित किये जाने वाले गांव को माॅडल गांव के रूप में विकसित किया जायेगा। जो खेती, बागवानी, पेयजल, स्वच्छता, पंचायतीराज, मनरेगा, स्वयं सहाता समूह आदि में उत्कृष्ट कार्य करे। साथ ही सरकार की महत्वपूर्ण योजनाएं क्रियान्वित हो। ऐसे गांव को माॅडल गांव के रूप में विकसित किया जायेगा, जो अन्य गांव के लिए प्रेरणा देने का काम करेंगे। इन गांवों को आजीविका वाले गांव के रूप में पहचान मिल सकेगी। इससे पलायन भी रूकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के क्रियान्वयन के लिए मुख्य विकास अधिकारी को पूरी तरह से जिम्मेदार बनाया जाय।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग में जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि मेरा गांव मेरी सड़क योजना में चिन्हित सड़कों पर तत्काल कार्य शुरू किया जाय। साथ ही ग्रामीण सड़क योजना के तहत प्रथम व द्वितीय फेस में चयनित सड़कों का काम बरसात से पूर्व पूरा कर लिया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं के तहत चयनित सड़के ग्रामीण क्षेत्र को जोड़ने के उद्देश्य से चिन्हित की गई है, इसलिए इनमें गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाय। उन्होंने निर्देश दिये कि इन सभी सड़कों के निर्माण कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाय। यदि कही पर अतिरिक्त धनराशि दिये जाने की आवश्यकता होगी, तो वह भी दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं के क्रियान्वयन में जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी पूरी तरह से जिम्मेदार होंगे। यदि किसी जनपद में सड़क निर्माण पर सुस्त रफ्तार दिखायी गई, तो संबंधित अधिकारी के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी। मुख्यमंत्री श्री रावत ने ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि ग्रामीण सड़क योजना के निर्माण कार्यों को और अधिक गति प्रदान की जाय। इसके लिए यदि आवश्यक हो तो तकनीकी सहयोग के लिए जनपदों में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश जारी किये जाय कि ग्रामीण सड़क योजना में तकनीक सहयोग प्रदान करे। जिलाधिकारियों द्वारा बताया गया कि इन सड़कों के निर्माण कार्य के लिए सर्वे आदि के लिए एडवांस धनराशि उपलब्ध कराया जाना उचित होगा। इस पर मुख्यमंत्री ने सचिव ग्रामीण अभियंत्रण को निर्देश दिये कि ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनने वाली सड़कों के सर्वे आदि कार्य के लिए एडवांस धनराशि दी जाय।
बैठक में बताया गया कि मेरा गांव मेरी सड़क योजना के तहत सभी जनपदों में सड़को का चयन कर लिया गया है, जिन पर काम शुरू किया जा रहा है। योजना के तहत प्रत्येक ब्लाॅक से 2-2 सड़के चिन्हित की गई है। ग्रामीण सड़क योजना के तहत प्रथम चरण में प्रत्येक ब्लाॅक से एक-एक तथा द्वितीय चरण में प्रत्येक ब्लाॅक से 3-3 सड़के चिन्हित की गई है। इनमें से लगभग सभी की डी.पी.आर. स्वीकृत हो चुकी है। जबकि कुछ जनपदों में काम भी शुरू हो चुका है। ग्रामीण सड़क योजना के तहत जनपदों में लगभग 250 सड़कें चिन्हित की गई है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि बरसात से पूर्व सभी सड़कों का काम पूरा कर लिया जाय। बरसात के बाद सी.सी. व डामरीकरण आदि कार्य किया जाय। मेरा गांव मेरी सडक योजना ग्राम्य विकास विभाग तथा ग्रामीण सडक योजना ग्रामीण अभियंत्रण विभाग द्वारा संचालित की जा रही है।
बैठक में सभा सचिव विजयपाल सजवाण, ललित फरस्र्वाण, विधायक सरिता आर्य, मुख्य सचिव एन.रविशंकर, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री ओम प्रकाश, सचिव ग्रामीण अभियंत्रण शैलेश बगोली आदि उपस्थित थे।