नई दिल्लीः आर्थिक मामले विभाग (डीईए) के सचिव श्री एस सी गर्ग ने कल मनीला में एशियाई विकास बैंक (एडीबी) की 51वीं वार्षिक बैठक के पूर्ण सत्र में भारत की तरफ से भाग लिया और एडीबी की कार्यनीति 2030 का स्वागत किया। श्री गर्ग वर्तमान में एडीबी की 51वीं वार्षिक बैठक में भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। सभी गर्वनरों ने अपनी युक्तियां प्रस्तुत कीं।
श्री गर्ग ने अपनी युक्ति में तकनीकी प्रगति के संभावित प्रभावों को ध्यान में रखने की आवश्यकता रेखांकित की जो वर्तमान में कृत्रिम बुद्धिमत्ता, रोबोटिक्स आदि के कारण घटित हो रहे हैं जिससे कि एडीबी सदस्य देशों को इन तकनीकी प्रगति से अधिकतम लाभ हासिल कर सकें।
उन्होंने यह भी कहा कि कार्यनीति में पश्चिम एशिया और दक्षिण एशिया पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए क्योंकि पूर्वी एशिया पहले ही अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। श्री गर्ग ने इस पर भी जोर दिया कि एडीबी के निजी क्षेत्र ऑपरेशनों को बढ़ाया जाना चाहिए और इक्विटी भागीदारी पर फोकस किया जाना चाहिए, जैसाकि कार्यनीति में वर्णित है।
श्री गर्ग ने गर्वनरों के बोर्ड के उद्घाटन सत्र में भी हिस्सा लिया जिसके बाद बिजनेस सत्र का आयोजन किया गया। बिजनेस सत्र के दौरान श्री गर्ग ने गरीबी उन्मूलन, गुणवत्तापूर्ण रोजगार एवं सामाजिक क्षेत्रों के लिए बढ़े हुए समर्थन के लिए एडीबी की सराहना की और ढांचागत क्षेत्र के विकास के प्रति अपना संकल्प दुहराया।
एडीबी के समावेशी विकास को समर्थन देने के संकल्प का स्वागत करते हुए श्री गर्ग ने सदस्य देशों की विशिष्ट जरुरतों एवं प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए नवोन्मेषी वित्तपोषण माध्यमों को विकसित करने की आवश्यकता रेखांकित की।
भारतीय शिष्टमंडल ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए जापान के बैंक के साथ भी द्विपक्षीय बातचीत की तथा विभिन्न प्रकार के द्विपक्षीय मुद्वों पर चर्चा की।