नई दिल्ली: मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज जारी किए अपने छठे द्विमासिक वक्तव्य में वर्तमान और वृहद आर्थिक स्थिति के आकलन के आधार पर लिक्विडिटी समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत तुरंत प्रभाव से पोलिसी रेपो दर 6.5 प्रतिशत से 6.25 प्रतिशत तक 25 आधार अंक घटाने का निर्णय लिया है। इसके परिणामस्वरूप एलएएफ के तहत रिवर्स रेपो दर 6.0 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) और बैंक दर 6.5 प्रतिशत पर समायोजित है। एमपीसी ने मौद्रिक नीति रुख को कैलिब्रेटेड दबाव से न्यूट्रल में बदलने का निर्णय भी लिया है।
2018-19 में 5वें द्विमासिक संकल्प में दिसंबर, 2018 में सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि अनुमान 7.4 प्रतिशत की तुलना में सीएसओ ने सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि 7.2 रहने का अनुमान लगाया था। तथापि 2019-20 के लिए सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि का अनुमान 7.4 प्रतिशत लगाया गया है। वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही में वास्तविक स्थिति की दर 2.6 प्रतिशत थी जो अनुमान से थोड़ी कम रही। 2018-19 के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान और एच1:2019-20 को दिसंबर संकल्प से कम संशोधित किया गया है।
वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव श्री सुभाष चन्द्र गर्ग ने बताया कि वृद्धि और मुद्रास्फीति दृष्टिकोण के लिए एमपीसी का आकलन मुद्रास्फीति और वृद्धि के सरकारी आकलन के अनुरूप हैं। उन्होंने कहा कि सरकार एमपीसी के आकलन और उसके पोलिसी रेट कम करने तथा मौद्रिक नीति रुख में परिवर्तन के निर्णय का स्वागत करती है।