देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने परेड़ ग्राउन्ड में आयोजित हिमान्या सरस मेला में ‘‘मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण योजना’’ के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों को सीड केपिटल व सामुदायिक निवेश निधि के तहत सहायता राशि के चैक वितरित किए। विभिन्न जिलों के महिला स्वयं सहायता समूहों को 5 हजार रूपए की सीड केपिटल व 20 हजार रूपए की सामुदायिक निवेश निधि के चैक प्रदान किए गए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों की बढ़ती भागीदारी से राज्य सरकार बहुत उत्साहित है। चमोली व देहरादून में महिला हाट स्थापित करने के लिए बजट जारी किया जा चुका है। ऐसे हाट प्रत्येक जिले में स्थापित किए जाने हैं। इंदिरा अम्मा कैंटीन फूड सेक्टर में महिलाओं को प्रोत्साहित करने का एक कन्सेप्ट है। प्रदेश में 100 इंदिरा अम्मा कैंटीन स्थापित की जाएंगी। अभी तक 20 से अधिक कैंटीन स्थापित की जा चुकी हैं। प्रदेश सरकार द्वारा प्रारम्भ की गई पहलों से धीरे-धीरे हमारी बहनें सभी जगह काम करती हुई दिखाई देंगी।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उŸाराखण्ड के आर्थिक विकास का नया सोपान महिला स्वयं सहायता समूहों, महिला मंगल दलों, आंगनबाड़ी, आशा कार्यकत्रियों व भोजनमाताओं की सहभागिता से तय किया जा रहा है। महिला स्वयं सहायता समूहों के सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इनके लिए वेकअप मनी के तौर पर 5 हजार रूपए की राशि दी जा रही है। काम प्रारम्भ करने पर 20 हजार रूपए की सामुदायिक निवेश निधि भी दी जा रही है। जो महिला स्वयं सहायता समूह क्लस्टर आधार पर सामूहिक रूप से खेती, बागवानी, दुग्ध उत्पादन या हस्तकला का काम करते हैं उन्हें 1 लाख रूपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि इस तरह की योजना बनाई जा रही है कि महिला स्वयं सहायता समूहों को पुराने ऋण से मुक्ति मिल सके। राज्य ब्याज उपादान योजना के तहत जिन महिला स्वयं सहायता समूहों के बैंक ऋण 31 दिसम्बर 2013 तक एनपीए हो गए थे, यदि ऐसे समूह काम करना चाहते हैं और मूलधन की राशि देते हैं तो एनपीए होने के दिनंाक से वर्तमान समय तक का ब्याज राज्य सरकार वहन करेगी। अच्छा काम करने वाले व समय पर ऋण की वापसी करने वाले महिला स्वयं सहायता समूहों को 3 प्रतिशत तक ब्याज सब्सिडी राज्य सरकार देगी।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों को उनके वार्षिक टर्नओवर पर 5 प्रतिशत बोनस जबकि आपदाग्रस्त जिलों में 10 प्रतिशत बोनस दिया जाएगा। अपने खेतों में काम करने वाली महिलाएं मनरेगा श्रमिक के रूप में पंजीकरण करवा सकती है। महिलाओं में एनिमिया व ल्यूकेरिया की रोकथाम के लिए व्यापक स्तर पर अभियान प्रारम्भ किया गया है। महिला उद्यमिता पार्क के लिए सिडकुल में 200 एकड़ भूमि की व्यवस्था की गई है। सरकार द्वारा की गई छोटी-छोटी पहलों से आने वाले समय में उŸाराखण्ड में बड़ा परिवर्तन देखने को मिलेगा।
इस अवसर पर विधायक गणेश गोदियाल, राजकुमार, ममता राकेश, प्रमुख सचिव मनीषा पंवार, अपर सचिव युगल किशोर पंत सहित विभिन्न जिलों से आए महिला स्वयं सहायता समूहों के सदस्य उपस्थित थे।