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राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के लिए चुनी गई सामाजिक विकास की विषय वस्तु प्रधानमंत्री के विकास की विषय-वस्तुओं से संबंधित और प्रासंगिक है: जनरल (डॉ) विजय कुमार सिंह

देश-विदेश

नई दिल्ली: केन्द्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन (स्वतंत्र प्रभार), विदेशी मामलों और प्रवासी भारतीय मामलों के राज्य मंत्री जनरल (डॉ.) विजय कुमार सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय साख्यिकी दिवस के लिए चुनी गई सामाजिक विकास की विषय वस्तु प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित विकास की विभिन्न विषय वस्तुओं से संबंधित और प्रसांगिक है। नौवें राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के संबंध में आज नई दिल्ली में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में संबोधित करते हुए उन्होंने सांख्यिकीविदों का आकड़ों का विश्लेषण करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने का आह्वान किया ताकि समाज के विकास के लिए विशिष्ट क्षेत्रों में किए जाने वाले हस्तक्षेपों के लिए इन्हें प्रासंगिक बनाया जा सके।

उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता जैसे क्षेत्रों में केन्द्रित हस्तक्षेपों के लिए विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय द्वारा वैतनिक और अवैतनिक कार्य में लगे व्यक्तियों के लिए प्रस्तावित ‘समय का उपयोग’ सर्वेक्षण को राष्ट्र की उत्पादकता में सुधार लाने के लिए सूझबूझ और निर्णय लेने के कार्य में योगदान करना चाहिए।

राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के अध्यक्ष डॉ. प्रणब सेन ने कहा कि विकास एजेंडा के एक भाग के रुप में अधिकांश बड़ी समस्याओं पर विचार किया गया है। पहचान किए गए और केन्द्रित क्षेत्रों में विशिष्ट समस्याओं से निपटने के लिए अलग-अलग आंकड़ा संग्रह और विश्लेषण की जरूरत है। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव डॉ. टी.सी.ए.अंनत ने कहा कि अब 2015 में सहस्राब्दी विकास लक्ष्यों की समीक्षा के एक भाग के रुप में देश में सामाजिक विकास की समीक्षा करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि सांख्यिकी उपकरणों में समाज के विभिन्न सामाजिक विकास मनदण्डों को मापने के लिए सक्षम बनाने हेतु सुधार किया जाना चाहिए।

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय सामाजिक-आर्थिक योजना, नीति निर्धारण और सुशासन में आंकड़ों के महत्व और भूमिका के बारे में स्वर्गीय प्रो. प्रशांत चन्द महालनोबिस से युवा पीढ़ी को विशेष रूप से प्रेरित करने और उनमें जागरुकता पैदा करने के उद्देश्य से 2007 से प्रतिवर्ष सांख्यिकी दिवस मना रहा है। सांख्यिकी और आर्थिक योजना के क्षेत्रों में उनके द्वारा किए गए उल्लेखनीय योगदान को मान्यता देने के लिए भारत सरकार ने उनकी जयंती को राष्ट्रीय स्तर पर मनाने के 29 जून को प्रतिवर्ष विशेष दिवस की श्रेणी में सांख्यिकी दिवस के रुप में मनाने का निर्णय लिया है। इस अवसर पर जनरल डॉ. विजय कुमार सिंह ने प्रो. सी.आर.राव के सम्मान में गठित राष्ट्रीय सांख्यिकी पुरस्कार डॉ. हुकम चन्द्र, वैज्ञानिक आईएएसआरआई और डॉ. पुलक घोष, प्रो. आईआईएम बेंगलुरू को प्रदान किए।

भारतीय अर्थव्यवस्था में इस क्षेत्र के योगदान और महत्व को देखते हुए ‘सामाजिक विकास’ का 9वें सांख्यिकी दिवस की विषय-वस्तु के रुप में चयन किया गया है। सामाजिक विकास आंकड़े-वर्तमान स्थिति, मुद्दे, चुनौतियां विषय पर मुख्य विषय-वस्तु पत्र केन्द्रीय साख्यिकी कार्यालय द्वारा प्रस्तुत किया गया। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय, पूरे देश में फैले एनएसएसओ कार्यालयों, भारतीय साख्यिकी संस्थान, विश्व विद्यालय/विभागों ने संगोष्ठियों, सम्मेलनों, वाद-विवाद व्याख्यान और निबंध प्रतियोगिताओं आदि के आयोजन द्वारा पूरे देश में 9वां सांख्यिकी दिवस का आयोजन किया।

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