लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य के कुशल नेतृत्व व मार्गदर्शन मे उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत संचालित आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना के क्रियान्वयन से जहां स्वयं सहायता समूहों की आमदनी में इजाफा हो रहा है, वहीं इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात की सुविधा को बेहतर करते हुते शिक्षा, स्वास्थ्य एवं आजीविका के क्षेत्र में सहयोग प्रदान किया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से जहां महिलाओं की आमदनी बढ़ रही है वहीं समूहों के माध्यम से उत्तर प्रदेश समृद्धि की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्रामीण आजीविका एक्सप्रेस योजना प्रदेश के 40जनपदों के 147 विकास खण्डों में संचालित की जा रही हैजिसके अन्तर्गत समूह सदस्यों को 453 वाहन दिलाये गये हैं और इन वाहनों के लिए रू 27.18करोड़ का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया गया है। समूह की महिलाओं को चार पहिया वाहनों के अलावा ई-रिक्शा भी उपलब्ध कराए गए हैं इस योजना से प्रति सदस्य औसतन रू 9000-00प्रति माह आमदनी में में वृद्धि हुई है।
इस योजना के अन्तर्गत समूह सदस्यों को 04 पहिया सवारी वाहन / भार वाहन के क्रय हेतु रु० 6.5 लाख तक एवं ई-रिक्शा हेतु रु० 1.5 लाख तक का ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जाता है। आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में यातायान की सुविधा को बेहतर करते हुए शिक्षा, स्वास्थ्य एवं आजीविका के क्षेत्र में सहयोग प्रदान करना है। भारत सरकार द्वारा इस योजना हेतु जनवरी, 2020 में उ०प्र० राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन को गोल्ड मैडल भी प्रदान किया गया ।इस योजना मे कम से कम 02 वर्ष पुराने स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को ऋण स्वीकृत किया जाता है, जिन्होंने पूर्व में ऋण वापसी ससमय पूर्ण की हो। परिवहन नेटवर्क अध्ययन कर ऐसे रुट चयनित किये जाते हैं, जहाँ पर वाहनों की आवश्यकता हो ,जिससे उस रूट पर पड़ने वाले ग्राम संगठनों के माध्यम से आवेदन प्राप्त किये जाते हैं।उपलब्ध कराये गये ऋण की वापसी 6 वर्षों में 72 किस्तों में की जानी है। अभी तक उपलब्ध कराये गये ऋण की वापसी स्वयं सहायता सूमहों द्वारा ससमय की जा रही है।