नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने गैर-कृषि आर्थिक गतिविधियों के लिए अगले दो वर्षों के दौरान महिला स्व-सहायता समूहों और अन्य स्व-सहायता समूहों को 90 हजार करोड़ रुपये का ऋण देने की योजना बना रही है। आज यहां राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका अभियान (एनआरएलएम) से संबंधित एक राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए ग्रामीण विकास सचिव श्री अमरजीत सिंह ने कहा कि इस समय आजीविका मिशन से तीन करोड़ महिलाएं जुड़ी हैं और उन्होंने आर्थिक गतिविधियों के लिए बैंकों से 30 हजार करोड़ रुपये ऋण सुविधा प्राप्त की है।
केंद्र द्वारा प्रायोजित इस अभियान को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा चरणबद्ध तरीके से 462 जिलों के 3157 संभागों में क्रियान्वित किया जा रहा है। जुलाई, 2016 के आंकड़ों के अनुरूप 324 लाख ग्रामीण निर्धन परिवारों को 26.94 लाख स्व-साहयता समूहों में समेकित किया जा चुका है। राज्यों ने जिलों और संभाग स्तरों पर समर्पित बुनियादी ढांचा स्थापित किया है, जिनमें 20 हजार से अधिक समर्पित पेशेवर व्यक्ति और लगभग एक लाख सामुदायिक पेशेवर व्यक्ति अभियान को कार्यान्वित कर रहे हैं।
श्री सिन्हा ने अभियान की प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना और विभिन्न योजनाओं के तहत रोजगार एवं स्व-रोजगार प्रदान किया जा रहा है। श्री सिन्हा ने राज्यों द्वारा किए जाने वाले विभिन्न अभिनव प्रयासों की प्रशंसा की। इस दो दिवसीय कार्यशाला में कार्यकारी अधिकारियों, मिशन निदेशकों, विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारियों, 29 राज्यों के समुदाय प्रतिनिधियों तथा प्रमुख व्यावसायिक व्यक्तियों सहित लगभग 120 लोग हिस्सा ले रहे हैं।