देहरादून: प्रदेश के संस्कृति, पर्यटन एवं युवा कल्याण मंत्री उत्तराखण्ड सरकार दिनेश धनै ने आज विधान सभा स्थित सभाकक्ष में आगामी 24 दिसम्बर से प्रत्येक वर्ष स्व इन्द्रमणी बडोनी के जन्म दिवस को लोक संस्कृति दिवस के रूप में मनाये जाने के सम्बन्ध में उत्तराखण्ड के लोक कलाकारों के साथ बैठक की।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 24 दिसम्बर को संस्कृति दिवस के रूप में मानये जाने का निर्णय लिया है। उत्तराखण्ड के गांधी स्व0 इन्द्रमणी बडोनी के जन्म दिवस को संस्कृति दिवस के रूप बनाये जाने की रूपरेखा तैयार करने के सम्बन्ध में उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति से जुड़े विभिन्न विधाओं के लोक कलाकारों के साथ बैठक में कई निर्णय लिए।
उन्होंने कहा कि सरकार और संस्कृति विभाग की ओर से संस्कृति दिवस को पहली बार मनाये जाने पर इन कलाकारों के सुझाव विभाग के लिए महत्वपूर्ण हैं। बैठक में उपस्थित लोक कलाकारों ने अपने विचार सुझाते हुए कहा कि इस दिन के माध्यम से आज और आने वाली पीढी को उत्तराखण्ड की संस्कृति से अवगत कराये जाने का यह स्वर्णिम अवसर है।
श्री धनै ने कहा कि अब सभी को पहाड़ और मैदान की संर्कीण मानसिकता से ऊपर उठ कर बड़ी सोच के साथ आगे बढ़ते हुए राज्य को संगठित कर सिर्फ उत्तराखण्ड को हमारी पहचान बनाना है। उन्होंने कहा कि हम सभी राज्य सरकार के निर्णय को स्वीकार करते हुए पूरे प्रदेश में स्व0 बडोनी जी के जन्म दिवस को मनायेंगे, जो राज्य के क्षेत्र बडोनी जी के व्यक्तित्व और योगदान से परिचित हैं, वो उन क्षेत्रों के लोगों को साथ लेकर चलें और पहल करें, जो अभी इन्द्रमणी जी के योगदान से अनभिज्ञ हैं। आम जन मानस को स्व0 बडोनी जी के योगदान और उनके विचार से अवगत करायें।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के निर्माण में स्व0 बडोनी जी ने अहम भूमिका निभाई अतः श्री धनै ने संस्कृति दिवस के अवसर पर प्रत्येक जनपद में छात्रों के बीच बडोनी जी के जीवन पर लेखन तथा भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किये जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि संस्कृति विभाग की ओर से इस अवसर पर प्रत्येक जनपद की लोक कला से जुड़े विशेषज्ञ कलाकारों को भी सम्मानित किया जायेगा।
बैठक में उत्तराखण्ड के लोक कलाकार लोकेश नवानी, नरेन्द्र सिंह नेगी, श्रीमती बसन्ती बिष्ट, श्रीमती माधुरी बड़थ्वाल, डा0 अतुल शर्मा, नन्द किशोर हटवाल, गणेश खुगशाल, प्रीतम भरतवाण, नन्द लाल भारती, रेखा धस्माना उनियाल, मंगलेश डंगवाल, श्रीमती रेशमा शाह, श्रीमती मंजू सुन्दरियाल, किशन महिपाल, रमेश कुडि़याल, लोका नन्द डंगवाल तथा निदेशक संस्कृति विभाग श्रीमती बीना भट्ट उपस्थित थी।
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