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सेल्फ टेस्ट प्रणाली जनपदों में लागू किया जाए, जहां पर कोई भी व्यक्ति जाकर टेस्ट करा सकता है: अवनीश कुमार अवस्थी

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी ने आज यहां लोक भवन में प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि वर्तमान में प्रदेश ने 55 हजार टेस्ट प्रतिदिन की टेस्टिंग क्षमता अर्जित की है। इसे 01 लाख तक बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने रैपिड एन्टीजन टेस्ट के माध्यम से वर्तमान में प्रतिदिन किए जा रहे 20 हजार टेस्ट को चरणबद्ध ढंग से बढ़ाकर 50 हजार टेस्ट प्रतिदिन किए जाने पर बल दिया है। उन्होंने डोर-टू-डोर सर्वे कार्य में तेजी लाने के निर्देश देते हुए कहा है कि इसके माध्यम से अधिक से अधिक लोगों की मेडिकल स्क्रीनिंग की जाए। मेडिकल स्क्रीनिंग में कोविड-19 के संक्रमण की दृष्टि से संदिग्ध पाए जाने वाले लोगों की रैपिड एन्टीजन टेस्ट के माध्यम से जांच की जाए। मेडिकल जांच में संक्रमण की पुष्टि होने पर ऐसे लोगों के उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि प्रदेश में प्रत्येक शनिवार तथा रविवार को संचालित विशेष स्वच्छता एवं सैनिटाइजेशन अभियान के अच्छे नतीजे मिल रहे हैं। कोविड-19 तथा संचारी रोगों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से विशेष अभियान चलाया जा रहा है। स्वच्छता एवं सैनिटाइजेशन कार्य को सफल बनाने के लिए शनिवार तथा रविवार को सभी बाजारों की साप्ताहिक बन्दी निर्धारित की गई हैं। उन्होंने प्रत्येक स्तर पर स्वच्छता और सैनिटाइजेशन की कार्यवाही को प्रभावी ढंग से संचालित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए है कि जिलों के नोडल अधिकारी प्रतिदिन अपने-अपने जनपद की रिपोर्ट मुख्य सचिव को प्रस्तुत करें। मुख्य सचिव इस रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री जी को पूरी जानकारी उपलब्ध कराएंगे। उन्होंने बताया कि नोडल अधिकारियों की भूमिका सराहनीय है। मुख्यमंत्री जी ने शासन के अधिकारियों को फील्ड में तैनात अधिकारियों से नियमित संवाद बनाए रखने के निर्देश भी दिए हैं।
श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बरसात के मौसम में पशुओं में होने वाले रोगों के नियंत्रण पर विशेष ध्यान दिया जाए। समस्त गौ-आश्रय स्थल के गौवंश के नियमित चिकित्सीय परीक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। गौवंश के लिए हरे चारे का प्रबन्ध किया जाए। उन्होंने प्रमुख सचिव पशुपालन को इन समस्त कार्यों की नियमित माॅनिटरिंग करने के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने बाढ़ प्रभावित लोगों को समय से सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं, उन्होंने कहा है कि सभी जनपदों में बाढ़ कण्ट्रोल रूम स्थापित किए जाएं और इन्हें निरन्तर एक्टिव रखा जाए। उन्होंने बताया कि बाढ़ चैकियों पर राहत देने की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए।
श्री अवस्थी ने बताया कि गृह विभाग की धारा 188 के तहत 1,39,028 एफआईआर दर्ज करते हुये 3,03,771 लोगों को नामजद किया गया है। प्रदेश में अब तक 1,02,63,076 वाहनांे की सघन चेकिंग में 64,617 वाहन सीज किये गये। चेकिंग अभियान के दौरान 50,85,35,462 रूपए का शमन शुल्क वसूल किया गया। उन्होंने बताया कि फेक न्यूज के तहत अब तक 1925 मामलों को संज्ञान में लेते हुए कार्यवाही की गई है। 23 जुलाई को कुल 10 मामले, जिनमें ट्विटर के 09 व फेसबुक के 01 मामले को संज्ञान में लिया गया हंै तथा साइबर सेल को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 5,731 हाॅट स्पाॅट के 969 थानान्तर्गत 10,72,705 मकानों के 63,52,965 लोगों को चिन्हित किया गया है। इन हाॅट स्पाॅट क्षेत्रों में कोरोना पाॅजीटिव लोगों की संख्या 19,163 है। इंस्टीट्यूशनल क्वारेंटाइन किये गये लोगों की संख्या 14,451 है। उन्होंने बताया कि उद्योग विभाग की सूचना के अनुसार निर्माण कार्यों से जुडे़ 18.20 लाख श्रमिकों, नगरीय क्षेत्र के 8.91 लाख श्रमिकों तथा ग्रामीण क्षेत्रों के 6.74 लाख निराश्रित व्यक्तियों को रु0 1,000-1,000ध्- के आधार पर कुल 33.85 लाख लोगों को 338.45 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। निर्माण कार्यों से जुडे़ 16.89 लाख श्रमिकों को द्वितीय किश्त का भी भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के संबंध में राज्य स्तर पर स्थापित एकीकृत आपदा नियंत्रण केन्द्र के टोल फ्री हेल्पलाइन नम्बर पर प्राप्त काॅल्स का निस्तारण किया जा रहा है।
श्री अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में सैम्पल टेस्टिंग की क्षमता 50 हजार के आकंडें को पार करते हुए 54,897 हो गयी हैं जो देश में दूसरा स्थान है। उन्होंने बताया कि लखनऊ में डोर-टू-डोर सर्विलांस का कार्य किया जा रहा हैं उन्होंने बताया कि डोर-टू-डोर सर्विलांस के कार्य को कन्टेन्मेंट जोन में हर हफ्तें किया जायेगा। उन्होंने बताया कि सेल्फ टेस्ट प्रणाली सभी जनपदों में लागू किया जाए जिसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति जाकर अपना टेस्ट करा सकता है।
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में टेस्टिंग का कार्य तेजी से किया जा रहा है। प्रदेश में कल एक दिन में 54,897 सैम्पल की जांच की गयी, जो अब तक सर्वाधिक है। इस प्रकार कोविड-19 की जांच में 16 लाख का आकड़ा पार करते हुए प्रदेश में अब तक लगभग 16,54,651 सैम्पल की जांच की गयी है। उन्होंने बताया कि जनपदों में स्टैटिक बूथ बनाये जा रहे है जिनमें एन्टीजन टेस्ट की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। प्रदेश में विगत 24 घंटंे में कोरोना के 2529 नये मामले आये है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 21,003 कोरोना के मामले एक्टिव हैं। अब तक 33,803 मरीज पूरी तरह से उपचारित हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि पूल टेस्ट के अन्तर्गत कुल 3001 पूल की जांच की गयी, जिसमें 2760 पूल 5-5 सैम्पल के तथा 241 पूल 10-10 सैम्पल की जांच की गयी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 55 हजार से अधिक कोविड हेल्प डेस्क विभिन्न विभागों में, निजी प्रतिष्ठानों में, उद्योगों में स्थापित कर दिये गये है। विभिन्न निजी प्रतिष्ठानों, उद्योगों में जहां पर 20 से अधिक कामगार काम कर रहे है वहां पर कोविड हेल्प डेस्क स्थापित किये जा रहे है।
श्री प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में सर्विलांस की कार्यवाही के अन्तर्गत 1,81,767 सर्विलांस टीम द्वारा 1,31,27,412 घरों के 6,68,31,174 लोगों का सर्वेक्षण किया गया है। उन्होंने बताया कि आरोग्य सेतु ऐप से अलर्ट जनरेट आने पर कन्ट्रोल रूम द्वारा निरन्तर फोन किया जा रहा है। अलर्ट जनरेट होने पर अब तक 3,67,740 लोगों को कंट्रोल रूम द्वारा फोन कर जानकारी प्राप्त की गयी। उन्हांेने बताया कि प्रदेश में एल-1, एल-2, एल-3 स्तर के कोविड अस्पतालों में कुल 1.51 लाख से अधिक बेड उपलब्ध है।
श्री प्रसाद ने बताया कि कोविड-19 से संक्रमित होने वाले लोगों की जांच के लिए विभिन्न स्तर पर लोगों को सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। जिसमें होम आइसोलेशन, होटलों में, सेमी पेड डबल आॅक्यूपेंसी की सुविधा अनुमन्य है इसी प्रकार सभी एल-1, एल-2, एल-3 स्तर के अस्पतालों में कोविड-19 का इलाज कराया जा सकता है। कोविड-19 रोगियों को कुछ शर्तों के साथ होम आइसोलेशन की सुविधा प्रदान की जा रही है। इसके अतिरिक्त निजी चिकित्सालयों को भी अपने अस्पताल के वार्ड को या पूरे अस्पताल को कोविड अस्पताल के रूप में प्रयोग करने की अनुमति दी गयी है। जहां पर इलाज कराया जा सकता है।

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