नई दिल्ली: जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा सरंक्षण मंत्रालय ने नई दिल्ली में ‘जल संसाधन कार्यों में तकनीकी वस्त्र का उपयोग’ विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया।
तकनीकी वस्त्र को पूरी दुनिया में कई देशों में इस्तेमाल किया जा रहा है, जिनमें विकसित देशों के अलावा कई विकासशील देश भी शामिल हैं। भारत में अभी इसके तकनीकी, आर्थिक और पर्यावरण संबंधी लाभ उठाए जाने की स्थिति नहीं बनी है। भारत के विभिन्न क्षेत्रों में बाढ़ और पर्यावरण क्षरण की समस्या मौजूद हैं। कुछ इलाकों में बाढ़ प्रबंधन और नियंत्रण के लिए तकनीकी वस्त्रों से बने ट्यूब, कंटेनर और बैग इत्यादि का उपयोग किया जा सकता है। सेमिनार में तकनीकी वस्त्रों के उपयोग और व्यवहार पर चर्चा की गई।
सेमिनार में केंद्रीय विभागों और राज्य सरकारों के अधिकारियों, जल संसाधन से संबंधित राज्यों/विभागों, संस्थानों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, संघों, मजदूर संघों, निर्माताओं और ठेकेदारों ने हिस्सा लिया।
सेमिनार की अध्यक्षता सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष श्री मसूद हुसैन ने की। जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय की अपर सचिव श्रीमती टी. राजेश्वरी, सीडब्ल्यूसी के सदस्य (डी एंड आर) श्री एम.के. माथुर, सीएसएमआरएस के निदेशक श्री एस.एल. गुप्ता और मंत्रालय के अनुसंधान एवं विकास प्रभाग के निदेशक श्री अनुज कंवल भी सेमिनार में उपस्थित थे। इस अवसर पर सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष ने ‘प्रैक्टिस मैन्यूअल ऑन यूज ऑफ टैक्निकल टेक्सटाइल इन वॉटर रिसोर्सेज वर्क्स’ भी जारी किया।