लखनऊ: उत्तर प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री दारा सिंह चैहान ने राज्य से कोरोना महामारी को समाप्त करने के लिए प्रति प्रतिबद्धता दिखाने वाले विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि जब पूरा प्रदेश इस महामारी से भयभीत है, ऐसी परिस्थिति में वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी प्रदेश हित में पूरी तत्परता से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने फील्ड वर्कर्स की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि जिस प्रकार जल, जंगल एवं जमीन की सुरक्षा के लिए कार्य किया जा रहा है, उसी प्रकर कोरोना से भी लड़ाई लड़नी है।
वन मंत्री आज वन विभाग के मुख्यालय पर वीडियों कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी जिला वन अधिकारियों के साथ विभागीय कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस वर्ष प्रदेश में 25 करोड़ वृक्षारोण का लक्ष्य है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी को पूरी निष्ठा एवं तत्परता से कार्य करने की आवश्यकता है। साथ ही भारत सरकार की गाइड लाइन के अनुसार सोशल डिस्टेंसिग को अपनाते हुए कार्य को अंजाम दिया जाय।
श्री चौहान ने प्रदेश के सभी प्राणि उद्यान के कार्यों की भी गहन समीक्षा की और प्राणि उद्यानों में कोविड-19 से बचाव के लिए अपनाई जा रही सावधानियों की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्थित सभी चिड़ियाघरों एवं लायन सफारी में भारत सरकार के मानक के अनुसार कोरोना से बचाव की सारी व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। कर्मियों के लिए थर्मल स्कैनिंग, सेनिटाईजर, मास्क सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं का उचित प्रबंध किया जाये। जानवरों के खाने-पीने का भी बेहतर से बेहतर प्रबंध होना चाहिए। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने वन क्षेत्रों में पेट्रोलिंग बढ़ाने और अधिक सतर्कता बरतने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
प्रमुख सचिव, वन श्री सुधीर गर्ग ने अधिकारियों एवं कर्मचारियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है। सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करके इस महामारी से बचा जा सकता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष वृक्षा रोपण के लक्ष्य को हर-हाल में पूरा किया जाना है। इसके लिए प्रदेश के हर जिले में स्थाई रूप से नर्सरी चलती रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण अभियान को सफल बनाने के लिए प्रत्येक विभाग से अलग-अलग नोडल अधिकारी नामित किये गये हैं। इसके लिए माइक्रो प्लान भी तैयार किया जा रहा है।
श्री गर्ग ने कहा कि लाॅक-डाउन की स्थिति में जानवर जंगल से निकल रहे है। इस पर पैनी निगाह रखी जाये और जानवरों की सुरक्षा का विशेष ख्याल रखा जाय। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि फील्ड स्तर से जो भी रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराई जाये, वह बिल्कुल तथ्यात्मक और सही होनी चाहिए। सभी जिले के वनाधिकारी अगले तीन महीने की विस्तृत कार्य योजना बनाये और उसी के आधार पर अग्रिम कार्यवाही सुनिश्चित करें।