नई दिल्ली: गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) ने भूषण स्टील लिमिटेड के पूर्व प्रमोटर एवं प्रबंध निदेशक नीरज सिंघल को आज गिरफ्तार कर लिया। सिंघल को आज सक्षम क्षेत्राधिकार की अदालत में पेश किया गया और 14 अगस्त, 2018 तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
भूषण स्टील लिमिटेड (बीएसएल) और इस समूह की अनेक कंपनियों के मामलों की जांच के संबंध में एसएफआईओ द्वारा सिंघल को गिरफ्तार किया गया। विभिन्न स्रोतों से प्राप्त शिकायतों के आधार पर कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने यह जांच एसएफआईओ को सौंप दी थी।
कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 212 (8) के तहत मिले अधिकारों का उपयोग करते हुए यह गिरफ्तारी की गई है। उपलब्ध संबंधित सामग्री से यह पता चला है कि नीरज सिंघल को गंभीर कॉरपोरेट धोखाधड़ी में संलग्न होने का दोषी पाया गया है, जो कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 447 के तहत दंड योग्य है।
जांच दल को अपनी जांच के दौरान यह पता चला है कि बीएसएल के पूर्ववर्ती प्रमोटरों ने अपनी कई सहायक कंपनियों का उपयोग करके सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से बीएसएल के तत्कालीन प्रबंधन द्वारा ली गई हजारों करोड़ रुपये की राशि का अन्यत्र उपयोग करने के लिए कई तरह के जटिल एवं धोखाधड़ी वाले रास्ते अपनाए थे। इससे बैंकों और इन कंपनियों के निवेशकों को अनुचित ढंग से नुकसान हुआ है।
बीएसएल के पूर्व प्रमोटरों/निदेशकों ने अब तक जांच के दौरान सहयोग नहीं किया है। जांच दल के समक्ष पेश न होने के अलावा कई तथ्यों को छिपाया भी गया। दिवाला संबंधी समाधान के बाद बीएसएल का स्वामित्व एवं नियंत्रण टाटा समूह को हस्तांतरित कर दिया गया है।