देहरादून: सचिवालय में भागीरथी इको सेसिटिव जोन के जोनल मास्टर प्लान के ड्राफ्ट का प्रस्तुतीकरण किया गया। इसके लिए गठित माॅनिटरिंग कमेटी की अध्यक्षता मुख्य सचिव राकेश शर्मा ने की। उन्होंने कहा कि भागीरथी घाटी में गतिविधियों केा रेगुलेट करने के लिए पहले से ही भागीरथी घाटी विकास प्राधिकरण गठित है। राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण और भागीरथी की पवित्रता बनाये रखने के लिए सजग है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मास्टर प्लान में इस क्षेत्र के लोगों के हितों की अनदेखी नहीं होने देंगे।
मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी उत्तरकाशी (माॅनिटरिंग कमेटी के सदस्य सचिव) इंदुधर बौड़ाई को निर्देश दिए कि इस क्षेत्र के विकास के लिए सभी 88 गांवों के लोगों से जन संवाद किया जाय। जोनल मास्टर प्लान फाइनल करने के पहले 88 गांवों का ग्रुप बनाकर उनकी राय ली जाय। उन्होंने यह भी कहा कि इस क्षेत्र के लोगों को स्पेशल एलपीजी पैकेज दिया जाय। ईको टूरिज्म के साथ प्रो पुअर टूरिज्म भी विकसित किया जाय। मास्टर प्लान में भटवाड़ी, हर्षिल, गंगोरी, भैरोघाटी लंका, गोमुख जैसे कुदरती सौंदर्य वाले स्थानों के विकास का भी ध्यान रखा जाय। मिनी और माइक्रो जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण को शामिल किया जाय। बाढ़ नियंत्रण के लिए सुरक्षा दीवार भी बनाये जाने की भी जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र आपदा संभावित है। इसलिए भी एनडीएमए की गाइडलाइन के अनुसार उत्तराखण्ड को मानकों में शिथिलता प्राप्त है। सुरक्षा के लिहाज से भी यह क्षेत्र अत्यंमत संवेदनशील है। उन्होंने जिलाधिकारी उत्तरकाशी को निर्देश दिए कि तीन महीने में इस क्षेत्र के विकास की विस्तृत कार्य योजना प्रस्तुत करें।
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