लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों द्वारा सहकारी दुग्ध समितियों को विक्रय किए गए दूध का मूल्य भुगतान करने के लिए 55 करोड़ रुपये की धनराशि पी0सी0डी0एफ0 के माध्यम से समस्त सहकारी दुग्ध समितियों को उपलब्ध करा दी है।
किसानों को बकाए दूध का मूल्य प्राप्त होने से उनमें खुशी की लहर व्याप्त है। किसान/दुग्ध उत्पादक निकटवर्ती सहकारी दुग्ध समितियों से जुड़ते जा रहे हैं, जिससे सहकारी दुग्ध समितियों द्वारा रिकार्ड दुग्ध का उपार्जन भी किया जा रहा है।
यह जानकारी प्रदेश के दुग्ध विकास मंत्री श्री राममूर्ति वर्मा ने दी। उन्होंने बताया कि दुग्ध उत्पादक एवं दुग्ध विकास के लिए किसानों दुग्ध उत्पादकों तथा उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने हर सम्भव सहयोग दिया है।
दुग्ध विकास मंत्री श्री वर्मा ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा 07 बंद चल रहे सहकारी दुग्ध संघों-आगरा, मथुरा, अलीगढ़, सहारनपुर, बरेली, फिरोजाबाद तथा फतेहपुर को पुनः संचालित कर दिया गया है। इन सक्रिय 07 दुग्ध संघों द्वारा रिकार्ड दुग्ध की खरीददारी किसानों/दुग्ध उत्पादकों से की जा रही है। किसानों को दूध का मूल्य समय पर भुगतान कराने की सुदृढ़ व्यवस्था की गई है।
दुग्ध विकास मंत्री ने कहा है कि किसानों को नियमित रूप से उनके दुग्ध मूल्य का भुगतान किये जाने के संबंध में शासन स्तर से सहकारी दुग्ध समितियों तथा जिला दुग्ध संघों के अधिकारियों/प्रभारियों से जानकारी भी ली जा रही है। किसानों/दुग्ध उत्पादकों को बकाया दुग्ध मूल्य का भुगतान न करने वाले दुग्ध समितियों के प्रभारियों/ सचिवों/जिला दुग्ध विकास अधिकारियों को दंडित करने की कड़ी चेतावनी दी गई है।