नई दिल्ली: मैरीटाइम इंडिया समिट के दौरान कल पहले दिन 31,000 करोड़ रुपए के निवेश से संबंधित कई समझौते हुए। इस दौरान केंद्रीय जहाजराननी, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी भी मौजूद रहे। इसके अलावा कई अन्य परियोजनाओं से संबंधित समझौते भी हुए।
दो दिनों में कुल 140 एमओयू/कारोबारी समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, जो बंदरगाह, समुद्री राज्यों और शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, कोच्चि शिपयार्ड लिमिटेड, इनलैंड वाटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया आदि कई पीएसयू के बीच हुए। ये परियोजनाएं कुल 12 अरब डॉलर या 83,000 करोड़ रुपए के निवेश से संबंधित हैं। ये परियोजनाएं बंदरगाह विकास एवं आधुनिकीकरण, अंतर्देशीय जलमार्ग विकास, एलएनजी टर्मिनल और बिजली संयंत्रों की स्थापना से संबंधित हैं।
इनमें लगभग 9,167 करोड़ रुपए की लागत का वाधवान, महाराष्ट्र में एक नए बंदरगाह के विकास की परियोजना शामिल है। यह निवेश पहले चरण में किया जाएगा। इसके लिए जेएनपीटी और महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड के बीच शेयरधारक समझौता हुआ। इस नए बंदरगाह के बन जाने के बाद भारतीय जल क्षेत्र में बड़े आकार के जहाज प्रवेश कर सकेंगे और इससे जेएनपीटी व मुंबई पोर्ट की व्यस्तता कम करने में मदद मिलेगी।
इसके अलावा आध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री चंद्रबाबू नायडू की मौजूदगी में आंध्र प्रदेश सरकार ने एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए। यह एमओयू इनलैंड वाटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया के साथ हुआ, जो 3,000 करोड़ रुपये की लागत से चार जलमार्गों के विकास से संबंधित है।
पेट्रोनेट एलएनजी ने अंतर्देशीय जल परिवहन में ज्यादा एलएनजी के इस्तेमाल के लिए इनलैंड वाटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए। कोच्चि शिपयार्ड ने सैमसंग हैवी इंडस्ट्रीज के साथ एक समझौता किया, जो भारत में एलएनजी जहाजों के निर्माण से संबंधित है। ऐसा देश में पहली बार होगा।
अदानी समूह ने कई परियोजनाओं में अगले पांच साल के दौरान 28,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की। जिंदल के स्वामित्व वाले जेएसडब्ल्यू ग्रुप ने अगले पांच साल के दौरान 10,000 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव किया।