नई दिल्ली: मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि सरकार प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक देश में बेहतर शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए प्रतिबद्ध है। श्री जावड़ेकर आज नई दिल्ली में “विश्व शिक्षा मानचित्र पर भारत की स्थिति” पर राष्ट्रीय सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में हमने कॉलेज शिक्षा में सुधार के लिए अनेक कदम उठाए हैं। इसके तहत मान्यता देने की प्रक्रिया को हमने अधिक वैज्ञानिक और कड़ा बनाया है।
मंत्री महोदय ने कहा कि कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में बेहतर शिक्षा के लिए अध्यापक अत्यंत महत्वपूर्ण घटक हैं। उन्होंने कहा कि कक्षाओं में छात्रों की उपस्थिति कॉलेज की संरचना की वजह से नहीं, बल्कि अध्यापक के कौशल के कारण होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संस्थानों में अच्छे अध्यापकों की कमी है क्योंकि अच्छे लोग अध्यापक नहीं बन रहे हैं। इसलिए हमें अच्छे लोगों को अध्यापन का व्यवसाय अपनाने के लिए प्रेरित करना होगा तथा उन्हें सम्मान देना होगा, ताकि संस्थानों में शिक्षा का अच्छा माहौल तैयार हो सके। उन्होंने कहा कि बेहतरीन अध्यापकों की वजह से छात्र किसी संस्थान की तरफ आकर्षित होते हैं, न कि उस संस्थान की संरचना से।
श्री जावड़ेकर ने कहा कि देश में बेहतर शिक्षा के लिए सरकार स्वायत्तता को ध्यान में रखकर प्रमुख कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दायरे में बने रहेंगे, लेकिन उन्हें नए पाठ्यक्रम शुरू करने, परिसर के बाहर केन्द्र बनाने, कौशल विकास पाठ्यक्रम, शोध पार्क और अन्य नए अकादमिक कार्यक्रम चलाने की आजादी होगी। उन्होंने कहा कि भारत में नवाचार संस्कृति को प्रोत्साहन देने के लिए एआईसीटीई में नवाचार प्रकोष्ठ शुरू किया गया है। इसी तरह एक हजार से अधिक कॉलेजों ने अपने परिसरों में नवाचार क्लब शुरू किए हैं। उन्होंने कहा कि अनुसंधान और नवाचार संस्कृति से हमारी शिक्षा अधिक प्रासंगिक और भरोसेमंद बनेगी।