देहरादून: अगस्तमुनि ब्लाॅक प्रमुख जगमोन सिंह रौथाण ने कहा कि विभिन्न विभागों से सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारी व कर्मचारी पहाड. से लगातार हो रहे पयालयन को राेकने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। सेवानिवृत्त होने वाला हर व्यक्ति अगर संकल्प ले तो व खंडर होते अपने-अपने गांवों को बचा सकते हैं और गांव में जाकर गांव को शहर बना सकते हैं।जगमोहन सिहं रौथाण रिस्पना पुल के समीप स्थित होटर जेएसआर में आयोजित बच्छणस्यूं उत्थान समिति की मासिक बैठक को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बीस साल पहले तक पहाड़वासी शिक्षा पूरी करने के बाद नौकरी की तलाश में शहरों की तरफ रूख करते थे लेकिन वर्तमान में उच्च शिक्षा और बेहतर स्वास्थ्य के लालच में लोग शहरों का रूख कर रहे और गांव के गांव खाली हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सरकार के पास तमाम तरह की योजनाएं हैं, जरूरत है उन योजनाओं को सी ढंग से लागू कराने और पूरा कराने की । इसके लिए संगठित होना आवश्यक है और संगठित होकर ही किसी गांव पट्टी और जिले का विकास किया जा सकता है। सेवानिवृत्त होने वाले लोग इसमें अहम भूमिका निभा सकते हैं। क्योंकि सेवानिवृत्त होने वालों में कोई शिक्षा विभाग, तो कोई पर्यटन, बिजली, स़डक, स्वास्थ्य, राजस्व, बैंक, इंजीनियर, मैकनिक आदि की नौकरी कर चुके हैं और अपने अनुभव के आधार पर व मृत्य हो रे गांवों को फिर से जीवित कर सकते हैं। इससे पूर्व उत्थान समिति के सदस्य कमलेन्द्र सिंह रौथाण ने कहा कि पहाड़ में जो कुछ भी पुराना है से सुधारने की जरूरत है। अस्पतालों में डाक्टर नहीं हैं। नये अस्पताल बनाने से पूर्व पुराने अस्पतालों में डाक्टरो की नियुक्ति को लेकर आंदोलन होना चाहिए। नई स्कूलों के निर्माण से पूर्व पुरानी स्कूलों में अध्यापकों की तैनाती के लिए सरकार पर दबाव बनाना चाहिए। अब्बल सिंह रौथाण ने का कि सराकर ने गांव-गांव तक बिजली, स़डक, पानी और शिक्षा के लिए तरह तरह की योजनायें बना रखी हैं। जो लोग पहाड. से पलायन कर चुके हैं और संपन्न हैं उनको अब वापस अपने गांव में जाकर नए पहाड़ की रचना में सहयोग करना चाहिए।
समिति के अध्यक्ष डाॅ संदीप नेगी ने का कि जिन पब्लिक स्कूलों में पढ़ाने के लिए लोग पलायन कर रहे हैं उन्हीं पब्लिक स्कूलों के मास्टरो को जब सरकारी अध्यापक की नौकरी मिलती है तो व पब्लिक स्कूल की नौकरी को तुरंत छो़ड कर चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह है कि सरकारी स्कूलों में ही क्वालीफाइड टीचर हैं और जिन पब्लिक स्कूलों में फीस के नाम पर लूट-खसोट हो रही है उन स्कूलों में अनक्वालीफाइड टीचर हैं। बैठक को रविन्द्र सिंह रौथाण, आनंद सिंह गुसांई, रत सिहं पटवाल, महावीर सिहं रौथाण, गोविन्द सिहं रौथाण, शिव सिंह रावत समेत अन्य कई वक्ताओं ने संबांधित किया। बैठक में रामचंद्र सिंह कंडारी, मनवर सिहं पंवार, बीएस कंडारी, विक्रम नेगी, प्रमोद रौथाण, सोनू पटवाल, मुकेश कठैत, संजय चमोली, वीर सिंह पटवाल, संजय गुंसाई समेत अन्य कई लोग मौजूद थे।