देहरादून: मुझे गर्व है कि मेरा बेटा देश के काम आया। मेरा पोता बयान सिंह बड़ा होकर सेना में भर्ती होकर पाकिस्तान से बदला लेगा। अब बहुत हो गया है, आतंकी देश पाकिस्तान को नेस्तोनाबूत कर दो।यह कहना है जवान बेटे की अर्थी को कंधा देने वाले 80 वर्षीय दीवान सिंह राणा का। शहीद के परिजनों का भी यही कहना था कि यही समय है जब भारत सरकार को आतंकियों और उनके पनाहगार देश को करारा जवाब देना चाहिए।
परिवार मूल रूप से रानीखेत के पीपली का रहने वाला है।शनिवार को प्रतापपुर स्थित शमशान घाट पर अंत्येष्टि के दौरान शहीद जवान के पिता दीवान सिंह बोले, हम महाराणा प्रताप के वंशज हैं। मेरे बेटे वीरेंद्र ने देश के लिए बलिदान दिया है। वीरेंद्र ने देश सेवा करने की ठानी थी।
सीआरपीएफ में भर्ती होने के लिए उसने (वीरेंद्र) बहुत मेहनत की थी लेकिन कायरों ने उसकी जान ले ली।’ बेटे की याद आते ही दीवान सिंह फफक पड़े। वह फिर भी यही कहते रहे कि ‘मेरे बेटे ने बलिदान दिया है अब मेरा पोता बयान दुश्मनों से बदला लेगा। ढाई वर्षीय पोते बयान को भी वह सेना में भर्ती कराएंगे।’