दिल्ली: 23 जून को शैलजा का गला रेतने और सड़क पर फेंककर रौंदने के बाद मेजर निखिला हांडा कार लेकर घर पहुंचा। वहां से नहा-धोकर भाई और चाचा से मिलने के बाद कार लेकर फिर दिल्ली में निकला लेकिन जैसे ही उसे पता चला कि पुलिस उसके साकेत स्थित घर तक पहुंच चुकी है तो मोबाइल स्विच ऑफ कर वो मेरठ की तरफ चल पड़ा। मेजर हांडा के दिमाग में हर पल कत्ल के बाद खुद को बचाने का प्लान चल रहा था। वह जल्दी पुलिस के हाथ नहीं लगना चाहता था लेकिन जल्दी ही कानून के हाथ उसके गिरेबान तक पहुंच गए।
मेरठ भागने के दौरान का टोल प्लाजा पर रुकने और बिल चुकाने के दौरान मेजर हांडा सीसीटीवी में कैद हो गया। यहां भी उसने यू टर्न लेकर पुलिस को चकमा देने की कोशिश की थी। कत्ल के बाद हांडा की गतिविधियों के हर सबूत पुलिस के हाथ एक-एक कर लग रहे हैं। दिल्ली में पूछताछ और मौका ए वारदात पर छानबीन के बाद पुलिस मेजर हांडा को लेकर मेरठ गई हुई है। कत्ल के बाद हांडा मेरठ के आर्मी मेस में कमरे में जाकर छुप गया था।
मेरठ में मेजर हांडा पहले भी काम कर चुका था इसलिए छुपने के लिए इसी जगह को चुना लेकिन रास्ते में लगे सीसीटीवी और सर्विलांस पर लिए गए मोबाइल ने उसे धोखा दे दिया। कत्ल के कुछ ही घंटे बाद मेजर हांडा को मेरठ में पकड़ लिया गया था। मेरठ में पुलिस ने छानबीन के दौरान उस चाकू को बरामद कर लिया है जिससे शैलजा का कत्ल हुआ था। oneindia