16 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

29 सितंबर से शक्ति आराधना का पर्व नवरात्रि आरम्भ, जानें पूरी पूजा विधि

अध्यात्म

शक्ति की उपासना का पावनपर्व आश्विन शुक्ल प्रतिपदा नवरात्र का शुभारम्भ 29 सितंबर को आरंभ हो रहा है। मां की उपासना सभी प्राणी अपने परिवार को भी त्रिबिध तापों दैहिक, दैविक और भौतिक से मुक्ति दिला सकते हैं । संसार में सबसे सरल उपासना या तो माता शक्ति की है या भगवान शिव की है। मां कभी नारा नहीं होतीं और भोलेनाथ अपने भक्तों कि गलतियों पर ध्यान नहीं देते। पांच ज्ञान इन्द्रियाँ, पांच कर्म इन्द्रियाँ और एक मन इन ग्यारह को जो संचालित करती हैं वही परम शक्ति माँ हैं जो जीवात्मा, परमात्मा, भूताकाश, चित्ताकाश और चिदाकाश के में सर्वव्यापी है वही माँ शक्ति हैं। इनकी श्रद्धाभाव से आराधना की जाए तो चारो पुरुषार्थ धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की प्राप्ति होती है । नवरात्र में माता शक्ति की आराधना कैसे करें इसका सरल उपाय हैं दो बातें आप ध्यान रखें, ‘भवानी शंकरौ वन्दे श्रद्धा विश्वास रुपिणौ । याभ्यां बिना न पश्यन्ति सिद्धः स्वान्तः थमीस्वरम ।।

अर्थात- माता शक्ति अथवा किसी भी देवी-देवता की आराधना के श्रद्धा- विश्वास और समर्पण का होना अति आवश्यक है। आप को विश्वास है, किन्तु श्रद्धा नहीं है,तो उस पूजा का कोई लाभ नहीं होगा! श्रद्धा है किन्तु विश्वास नहीं है तो भी उस पूजा का कोई लाभ नहीं होगा। अगर ये दोनों हैं और समर्पण भी है तो आप को परमानंद की प्राप्ति होगी! माँ की कृपा आप पर निरंतर बरसती रहेगी।

नवरात्रि पूजा विधि
नवरात्र के दिन आप सुबह स्नान-ध्यान करके माता दुर्गा,भगवान गणेश नवग्रह कुबेरादि की मूर्ति के साथ साथ कलश स्थापन करें, कलश सोना,चांदी, तामा, पीतल या मिटटी का होना चाहिए, लोहे अथवा स्टील का कलश पूजा मे प्रयोग नहीं करना चाहिए। कलश के ऊपर रोली से ॐ और स्वास्तिक आदि लिख दें, आप को कोई भी मंत्र आता हो या नहीं आता आता हो इस विषय को लेकर चिंता न करें, कलश स्थापन के समय अपने पूजा गृह में पूर्व के कोण की तरफ अथवा घर के आँगन से पोर्वोत्तर भाग में पृथ्वी पर सात प्रकार के अनाज रखें, संभव हो तो नदी की रेत रखें फिर जौ भी डाले इसके उपरांत कलश में जल, गंगाजल,लौंग, इलायची, पान, सुपारी, रोली, मोली, चन्दन, अक्षत, हल्दी, रुपया पुष्पादि डालें फिर ॐ भूम्यै नमः कहते हुए कलश को सात अनाजों सहित रेत के ऊपर स्थापित करें, अब कलश में थोडा और जल-गंगाजल डालते हुए ॐ वरुणाय नमः कहते हुए पूर्ण रूप से भरदें। इसके बाद आम की पल्लव डाले, यदि आम की पल्लव न हो तो पीपल, बरगद, गूलर अथवा पाकर की पल्लव कलश के ऊपर रखने का बिधान है।

जौ अथवा कच्चा चावल कटोरे मे भरकर कलश के ऊपर रखें और अब उसके ऊपर चुन्नी से लिपटा हुआ नारियल रखें। साथ ही नवग्रह भी बनायें और अपने हाथ में हल्दी अक्षत पुष्प लेकर मन में ही संकल्प लें कि माँ मै आज नवरात्र की प्रतिपदा से आप की आराधना अमुक कार्य के लिए कर रहा-रही हूँ, मेरी पूजा स्वीकार करो और मेरे ईष्ट कार्य को सिद्ध करो माँ! अपने पूजा स्थल से दक्षिण और पूर्व की तरफ घी का दीपक जलाते हुए, ॐ दीपो ज्योतिः परब्रह्म दीपो ज्योतिर्र जनार्दनः । दीपो हरतु में पापं पूजा दीप नमोस्तु ते ।। मंत्र पढ़ें ।

माता की आराधना के समय यदि आप को कोई भी मंत्र नहीं आता हो तो आप केवल दुर्गा सप्तशती में दिए गए नवार्ण मंत्र ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे से सभी पूजा कर सकते हैं यही मंत्र पढ़ते हुए सामग्री चढ़ाएं । माता शक्ति का यह मन्त्र अमोघ है ! जो भी यथा संभव सामग्री हो आप उसकी चिंता न करें कुछ भी सुलभ न हो तो केवल हल्दी अक्षत और पुष्प से ही माता की आराधना करें संभव हो श्रृंगार का सामान और नारियल-चुन्नी जरुर चढ़ाएं ! एक ही बात का ध्यान रखें माँ शक्ति ही परब्रह्म हैं,उन्हें आप के भाव और भक्ति चाहिए सामग्री नहीं ! इसलिए जो भी सामग्री आप के पास उपलब्ध हो वही बिलकुल भक्ति भाव और समर्पण के साथ माँ को अर्पित करें । धन और सामग्री के अभाव में अपने मन में दुख अथवा ग्लानि को स्थान न दें ! आप एक ही मंत्र से पूजा और आरती तक कर सकते हैं।

विद्यार्थी वर्ग के लिए पूजा और मंत्र
विद्यार्थी वर्ग और जिन लोंगो कि जन्म कुंडली में गोचर में राहु अशुभ हों उनकी दशा,अन्तर्दशा अथवा प्रत्यंतर दशा चल रही हो वे सभी ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः मंत्र पढ़ते हुए माता शक्ति कि पूजा अथवा जाप करें। जिन जीवात्माओं के घर में अशांति हो ईंट से ईंट टकराती हो उन्हें- या देवि ! सर्व भूतेषु शान्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।। इस मंत्र का जप और पूजन घर-परिवार कि अशांति दूर करेगा।

कर्ज मुक्ति के लिए मां शक्ति की पूजा और मंत्र
जिन लोंगों पर काफी क़र्ज़ हो चुका है नख-सिख क़र्ज़ में डूबे हैं, उनके लिए यह नवरात्र पर्व लक्ष्मी प्राप्ति और क़र्ज़ से मुक्ति के प्रयास का सही समय है आप इस शक्ति साधना के अवसर पर, या देवि ! सर्व भूतेषु लक्ष्मी रूपेण संस्थिता ! नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः । इस मंत्र का जप करें और इसी मंत्र से माँ कि पूजा करें ! इन सबके अतिरिक्त अगर संभव हो तो कुंजिका स्तोत्र और देव्य अथर्वशीर्ष का पाठ करें । जिनको पूर्ण बिधि-बिधान आता है वै भक्त अपने ही अनुसार माँ की भक्ति करें जिन लड़कों का विवाह न हो रहा हो, वै विवाह का अनुभूत मंत्र – पत्नी मनोरमां देहि ! मनो वृत्तानु सारिणीम । तारिणीम दुर्ग संसार सागरस्य कुलोद्भवाम ।। का जप और पूजन करके मनोनुकूल जीवन साथी पा सकते हैं ।

विवाह के लिए नवरात्रि पूजा और मंत्र
जो कुंवारी कन्यायें हैं, अतिप्रयास के बावजूद जिनका विवाह न हो रहा हो माता-पिता वर तलाशते हुए परेशान हो गए हों वै भी इस पर्व पर -ॐ कात्यायनी महामाये महायोगिन्य धीश्वरी । नन्द गोप सुतं देवी पतिं मे कुरु ते नमः ।। के मंत्र से जपपूजन करें उन्हें माता कि कृपा से शीघ्र पति प्राप्ति होगी। अधिक धन प्राप्ति के लिए प्रतिदिन दशांग, गूगल और शहद मिश्रित हवन सामग्री से हवन करें, आप की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी !!

पं. जयगोविंद शास्त्री

Source अमर उजाला

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More