देहरादून: मुख्य आयुक्त, उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार आयोग आलोक कुमार जैन ने सोमवार को सचिवालय में मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह से
मुलकात की। मुख्य आयुक्त ने सुझाव दिया कि राज्य में विभिन्न विभाग और सरकारी संगठन सिटीजन चार्टर तैयार कर उन्हें प्रकाशित करें। इस तरह से नागरिकों को दी जाने वाली सेवाओं को तय करते हुए उनकी सूची तैयार हो सकेगी।
श्री जैन ने यह भी सुझाव दिया कि नागरिक सेवाओं को सरलता और सुगमतापूर्वक उपलब्ध कराने के लिए आईटी के उपयोग पर ज्यादा से ज्यादा जोर दिया जाय। आनलाईन सेवाएं देने से विभागों को और नागरिकों दोनों को सहूलियत होगी। उन्होने यह भी कहा कि भारत सरकार की तरह उत्तराखण्ड में भी स्वघोषणा और स्व प्रमाणीकरण की व्यवस्था लागू की जाय। मुख्य आयुक्त ने नागरिक सेवाओं को बढ़ाने की बात कही। उन्होने बताया कि दिल्ली में 361, उड़ीसा में 324 और छतीसगढ़ में 296 सेवाएं दी जाती है।
उत्तराखण्ड में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति राशन कार्ड सम्बंधी दो सेवाएं, राजस्व विभाग में 18 सेवाएं, चिकित्सा स्वास्थ्य में 15 सेवाएं, आवास विभाग में 11, परिवहन में 4, पेयजल 9, शहरी विकास में 7, विद्यालयी शिक्षा में 3 और गृह विभाग के 16 सेवाएं दी जा रही है। मुख्य सचिव ने जल्द इन सुझावों पर फैसला लेने का भरोसा दिलाया।