देहरादून: मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में कैबिनेट कमेटी आॅन इंवेस्टमेंट (सीसीए) के प्रोजेक्ट
माॅनिटरिंग ग्रुप(पीएमजी) की बैठक हुई। बैठक में प्रधानमंत्री आॅफिस (पीएमओ) के अतिरिक्त सचिव अरूण गोयल, निदेशक सोमदत्त शर्मा उपस्थित थे। मुजफ्फरनगर-हरिद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग के चैड़ीकरण के बारे में बताया गया है। हरिद्वार के मायापुर में उत्तरप्रदेश सिंचाई विभाग की एक हैक्टेयर भूमि नेशनल हाईवे एथार्टी आॅफ इंडिया(एन.एच.ए.आई.) को हस्तांतरित की जानी है। इसके लिए मुख्य सचिव उत्तराखण्ड ने मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश को अनुरोध किया है।
टिहरी पम्प स्टोरेज प्लांट के लिये असेना गांव से उप खनिज निकासी की अनुमति टीएचडीसी को मिल गई है। पुनर्वास के मामले को आपसी सहमति से सुलझा लिया जायेगा। चोपड़ा गांव में डम्पिंग के लिए 4.668 वन भूमि के हस्तांतरण की पहले चरण की क्लियरेंस मिल गई है। 9.3 हेक्टेयर भूमि को रिजर्व फारेस्ट घोषित करना है। डीएम टिहरी ने बताया कि भूमि चिन्ह्ति कर ली गई है। जल्द ही दाखिल खनिज की प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी। लाता-तपोवन जल विद्युत परियोजना के बारे में बताया गया कि उत्तराखण्ड सरकार ने इको सेंसिटिव जोन में नंदादेवी नेशनल पार्क की सीमा 10 कि0मी0 की सीमा कम करने का अनुरोध किया है। ऐसा होने पर नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड से क्लियरेंस की जरूरत नही होगी। इसके अलावा उत्तराखण्ड सरकार ने भारत सरकार को इको संेसिटिव जोन का जोनल मास्टर प्लान भी प्रस्तुत कर दिया है। 1527 करोड़ रूपये से बनने वाली 3ग57 मेगावाट लाता-तपोवन जल विद्युत परियोजना की तरह 3846 करोड़ रूपये से प्रस्तावित 4ग130 मेगावाट तपोवन-विष्णुगाड लघु जल विद्युत परियोजना में भी यही दिक्कत आ रही है।
बीटा इंफ्राटेक प्राईवेट लि. की 1540 करोड़ रूपये की परियोजना के बारे में बताया गया कि गैस उपलब्धता सुनिश्चित होने पर ही राज्य सरकार पीपीए देगी। चारधाम रोड कनेक्टिविटी (889 किमी) में सुधार के बारे में बताया गया कि कार्य तेजी से चल रहा है। 860 किमी में 483 किमी भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया है। शेष पर कार्यवाही चल रही है। 250 किमी वन भूमि का हस्तांतरण कर दिया गया है। 175 किमी की स्वीकृति मिल गई है और 362 किमी का संयुक्त निरीक्षण कर लिया गया है। विद्युत विभाग और जलसंस्थान के 24 में से 22 की यूटिलिटी शिफ्टिंग कर दी गई है।
रायपुर विधानसभा के बारे में बताया गया कि वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने 59.9 हेक्टेयर वन भूमि हस्तांतरण की स्वीकृति दे ही है। मंत्रालय द्वारा लगाई गई 21 शर्तों को पूरा किया जा रहा है। राज्य स्तर की क्लियरेंस और रजिस्ट्रेशन को डिजिटाइज करने के बारे में बताया गया कि अभी तक 63 में से 25 सेवाओं को डिजिटाइज कर दिया गया है। इनका हाइपर लिंक भी भारत सरकार के पोर्टल से कर दिया गया है। शेष सेवाओं के डिजिटाइज करने का कार्य प्रगति पर है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव रणवीर सिंह, प्रमुख सचिव खाद्य राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव ऊर्जा उमाकांत पंवार, सचिव नियोजन एम.सी.जोशी, सचिव राज्य सम्पत्ति सीएस नपलच्याल, सचिव आई.टी. दीपक कुमार, प्रभारी सचिव लो.नि.वि अरविन्द्र सिंह ह्यांकी, अपर सचिव वन मीनाक्षी जोशी, अपर सचिव समाज कल्याण मनोज चन्द्रन, डीएम टिहरी ज्योति नीरज खैरवाल, सदस्य सचिव प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड विनोद कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।